राजपुर . थाना क्षेत्र के सिकरौल गांव के बधार में किसान नेता अशोक तिवारी के हत्या मामले में एक आरोपित रिंकू राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जिनसे पुलिस गहन पूछताछ कर रही है. इस मामले में पूर्व मुखिया संजय राय समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें रिंकू राय भी आरोपित था. गौरतलब है कि विगत पांच दिन पूर्व नवरात्रि के सप्तमी के दिन पूजा पंडाल से ही किसान नेता अशोक तिवारी गायब हो गए थे. जिनका शव उसके अगले दिन गांव के ही बधार में मिला था. जिस मामले में मृतक के पुत्र प्रिंस कुमार ने गांव के ही सिकरौल पंचायत के पूर्व मुखिया संजय राय उर्फ़ गुड्डू राय, रिंकू राय, सुनील राय, राजीव राय उर्फ़ डब्बू चौबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उसने आरोप लगाया था कि संजय राय और मृतक अशोक तिवारी का साथ में चौसा थर्मल पावर प्लांट में बालू और ईंट का सप्लाई का कार्य चलता था. जिसको लेकर इन लोगों में पैसे के लेन देन का विवाद चल रहा था. बुधवार को संजय राय सिकरौल अपने आवास पर भोज के बहाने अशोक तिवारी को बुलाये थे. देर शाम तक नहीं आने पर उन्होंने सुनील राय और रिंकू राय को बुलाने के लिए भेजा था. जहां उन दोनों लोगों ने दुर्गा पूजा पंडाल से अशोक तिवारी को बुलाकर ले गये. बातचीत के दौरान कुछ विवाद हुआ और देर रात पूर्व मुखिया गुड्डू राय ने रिंकू राय को पहुंचाने के लिए बोला. इसके अगले दिन सुबह सड़क किनारे चाट में शव मिला था. थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया की मृतक के पुत्र ने एफआइआर दर्ज कराया है. जिसमें कहा गया है की पावर प्लांट में बालू, ईंट की सप्लाइ मिलकर करते थे जिसको लेकर विवाद चल रहा था. इसमें एक व्यक्ति रिंकू राय को गिरफ्तार किया गया है. सुनियोजित साजिश के तहत की गयी हत्या हो उच्चस्तरीय जांच : संयुक्त किसान मोर्चा चौसा. किसान नेता अशोक तिवारी की नौ अक्टूबर की रात्रि में हुई हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. जिसमें चौसा थर्मल पावर के निर्माणधीन कंपनी एसजेवीएन के अधिकारियों और पुलिस-प्रशासन की कथित संलिप्तता शामिल है. रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता व भारतीय किसान यूनियन के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार व पूर्व मंत्री अखलाक अहमद व अधिवक्ता अरुण कुमार के नेतृत्व में एक टीम बक्सर के चौसा स्थित बनारपुर गांव पहुंच कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और कहा कि सभी नामजद अभियुक्तों तथा इस हत्या में शामिल साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. इस मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से मिलकर एक ज्ञापन के जरिए यह मांग करेगी कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआइटी गठित की जाय. क्योंकि स्थानीय पुलिस प्रशासन की भूमिका पहले से ही यहां संदिग्ध है.
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