रोक के बावजूद पराली जला रहे किसान, विभाग मौन
खेतों में पराली जलाने की रोक के बावजूद किसान पराली जलाने से नहीं हिचक रहे हैं. सदर प्रखंड के दलसागर पंचायत में बड़ें पैमाने पर खेतों में पराली जलाई गयी है
बक्सर. खेतों में पराली जलाने की रोक के बावजूद किसान पराली जलाने से नहीं हिचक रहे हैं. सदर प्रखंड के दलसागर पंचायत में बड़ें पैमाने पर खेतों में पराली जलाई गयी है. वही दूसरी और बोक्सा में सैकड़ों बिगहा में गेहूं की पराली बड़े पैमाने पर जलाई गई है और जो भी अवशेष बचा था उसे भी आग के हवाले किसान कर रहें है.पराली जलाने से पालतू जानवरों की चारा पर भी संकट मंडरा रहा है.वही जानवरों के चारा के लिए पराली जलाने पर खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त होती है. मिट्टी में मौजूद जीव खत्म हो जाते हैं.जिससे जमीन खेती की लायक नहीं रह जाती है.पराली जलाने पर किसान की सदस्यता तक रद्द करने का प्रावधान है.ताकि बढ़ रहे भीषण गर्मी से निजात मिलने के साथ-साथ पालतू जानवरों की चारा पर भी संकट समाप्त हो सके.इधर उधर भटकना नहीं पड़ता था, लेकिन वर्तमान समय में पालतू जानवरों के चारा पर महामारी जैसी स्थिति बनी हुई है . कृषि विभाग की निष्क्रियता से ऐसी घटना प्रकाश में आ रही है.कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली नहीं जलाने का लेकर समझाने में विभाग विफल रही है.जिसे काफी मात्रा में गेहूं की फसल हार्वेस्टर से कटवा कर पराली को आग के हवाले कर दिया जा रहा है. सदर प्रखण्ड के दलसागर निवासी बिटु चौबे का कहना है कि कृषि विभाग के कर्मचारियों के द्वारा समय रहे किसानों को फसल अवशेष जलने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया नहीं जाता है और जब किसान के द्वारा फसल अवशेष जला दिया जाता है तो किसान का पंजीयन तीन वर्ष के लिए ब्लॉक कर दिया जाता. वही बोक्सा निवासी राम जी राय का कहना है कि कृषि विभाग के कर्मचारी व किसान समन्वयक और किसान सलाहकार के द्वारा किसानों को फसल अवशेष से संबंधित जानकारी केवल कागज पर देकर खानापूर्ति किया जा रहा है. अगर किसानों को जानकारी होता तो फसल अवशेष जलाते नहीं. क्या कहते हैं प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार समय समय पर किसानों को जानकारी कृषि समन्वयक और किसान सलाहकारों के द्वारा दिया जाता है. यदि ऐसा मामला प्रकाश में आयेगा कि जानकारी के अभाव में किसान फसल अवशेष जला रहे है तो विभागीय पंचायत स्तरीय कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई भी किया जाएगा. प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है