किसान पौधे लगाकर बढ़ाएं आमदनी
कृषि वानिकी परियोजना के तहत जो किसान अपने जमीन पर पौधा लगाएंगे और इसकी तीन वर्षों तक देखभाल करगें तो उन किसानों को काफी फायदे होंगे
डुमरांव. कृषि वानिकी परियोजना के तहत जो किसान अपने जमीन पर पौधा लगाएंगे और इसकी तीन वर्षों तक देखभाल करगें तो उन किसानों को काफी फायदे होगें. इसकी जानकारी देते हुए वन उप परिसर पदाधिकारी महिमा राम कुमार ने बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन को देखते हुए इस योजना की शुरुआत हुयी है, उन्होंने बताया कि कृषि वानिकी (अन्य प्रजाति) योजना में शामिल होने वाले किसानों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है जिसके माध्यम से जुड़कर किसान इसका फायदा ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि जो किसान इस योजना के तहत अपने जमीन पर आम, जामुन, अमरूद, कटहल, आवला, शीशम, सागवान, महोगनी, पापुलर, सेमर, नीम, पीपल, वरगद के पौधा लगाते हैं और तीन वर्षों तक जीवित रखते है तो वन विभाग के द्वारा 50% पौधा जीवित रहने पर प्रति पौधा अनुदान राशि के तौर पर 60 रू और इसके साथ पौधा में लगाया गया 10 रू अतिरिक्त के साथ कुल 70 रूपया किसानों को प्राप्त होगें. वन उप परिसर पदाधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग कृषि वानिकी (अन्य प्रजाति) योजना में शामिल होने के लिए किसान मात्र 10 रू प्रति पौधे की सुरक्षित राशि 3 वर्षों के लिए देकर पौधे प्राप्त करें, जो 3 वर्ष बाद सुरक्षित जमा राशि लाभुक किसान को वापस कर दी जायेगी. उन्होंने बताया कि कृषकों से अनुरोध है कि, इस योजना के अंतर्गत सुरक्षित राशि 10 रू प्रति पौधा भुगतान करने हेतु संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर निम्न माध्यमों से राशि का भुगतान करें. उन्होंने बताया कि सुरक्षित राशि फिक्स्ड डिपाजिट या एन एस सी जिसकी वैधता 30 जून 2024 तक के माध्यम से संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी के पदनाम से उपलब्ध करायी जा सकती है. या नगद राशि भी जमा की जा सकती है. कृषकों को 3 वर्ष पश्चात् पौधों की 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरजीवता होने पर 60 रू प्रति पौधा अलग से दिये जायेंगे. वन उप परिसर पदाधिकारी ने बताया कि विशेष जानकारी के लिए किसान इस 8210849449 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं साथ ही बताया कि आवेदकों के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तक है, इच्छुक किसान आवेदन भरकर स्थानीय वन प्रमंडल या वन प्रक्षेत्र कार्यालय में सुरक्षित राशि 10 रू प्रति पौधा के साथ समर्पित करें.
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