राजपुर. प्रखंड के सभी गांव में रबी फसल तैयार होने के बाद गेहूं काटने का काम शुरू हो गया है. जिसको लेकर जिलाधिकारी के तरफ से जारी निर्देश के आलोक में सभी हार्वेस्टर मालिकों को निर्देश दिया गया है कि गेहूं कटनी के बाद इसके डंठल के अवशेष का प्रबंधन होना चाहिए. कोई भी किसान अगर अपने खेत में डंठल को जलाता है. उस पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए किसान का निबंधन रद्द कर सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जायेगा. जिसको लेकर कृषि विभाग के कर्मी गांव-गांव में पहुंचकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं. कृषि समन्वयक संजय कुमार सिंह ने किसानों को अवगत कराते हुए कहा कि फसल अवशेष का प्रबंधन कर उसे पशु चारा अथवा वर्मी कंपोस्ट के रूप में इस्तेमाल करें. फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर आकाश एवं जमीन दोनों से निगरानी किया जा रहा है. पिछले वर्ष 2022 -23 में पराली जलाने वाले लगभग 113 किसानों का निबंधन काली सूची में डाल दिया गया है. जिन्हें किसी भी कृषि योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. खेत में फसल को जलाने से इसके आवश्यक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. मिट्टी में पाए जाने वाले कई आवश्यक बैक्टीरिया भी समाप्त हो जाते हैं. इन खेतों में फसल उगाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. अधिक रसायनिक खाद का छिड़काव करने से भी मिट्टी की उर्वरा शक्ति का ह्रास होता है. ऐसे में किसान अगर अपने खेत में पड़े डंठल को खाद की तरह करते हैं तो खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाएगी.
फाइल-7- किसान फसल अवशेष का करें प्रबंधन, डंठल जलाने पर होगी कार्रवाई किसानों को जागरूक कर रहे कृषि कर्मी
फाइल-7- किसान फसल अवशेष का करें प्रबंधन, डंठल जलाने पर होगी कार्रवाई किसानों को जागरूक कर रहे कृषि कर्मी
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