किसानों को नहीं मिल रहा डीएपी, खाद के लिए रात में ही लाइन में लग रहे किसान

रबी फसल की बुआई के सीजन में डीएपी खाद की किल्लत के चलते प्रखंड में किसानों की नींद भी हराम हो गयी है. किसानों को रात दो बजे खाद के लिए लाइन लगानी पड़ रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 10:18 PM

ब्रह्मपुर.

रबी फसल की बुआई के सीजन में डीएपी खाद की किल्लत के चलते प्रखंड में किसानों की नींद भी हराम हो गयी है. किसानों को रात दो बजे खाद के लिए लाइन लगानी पड़ रही है. खाद विक्रय केंद्रों में डीएपी खाद की भारी कमी के चलते किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. रघुनाथपुर स्थित बिस्कोमान के गोदाम दर्जनों गांवों से पहुंचे किसानों ने शिकायत की कि गेहूं की बोनी के इस सीजन में उन्हें डीएपी खाद की जरूरत है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है. किसान रात दो बजे से लाइन में लग रहे हैं, फिर भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि किसान अपने आधार कार्ड के साथ रात दो बजे से ही बिस्कोमान के गोदाम पर लाइन में लग जा रहे हैं. जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ जाती है.

किसानों ने लगाया डीएपी की कालाबाजारी का आरोप :

किसानों का आरोप है कि निजी खाद विक्रेता उनके हिस्से की डीएपी खाद को निजी व्यापारियों को बेच रहे हैं. किसान यह दावा कर रहे हैं कि उनके हिस्से की खाद को जानबूझकर उन्हें नहीं दिया जा रहा है. सिर्फ यूरिया खाद की आपूर्ति की जा रही है. किसान बताते हैं कि उन्हें यह भी जानकारी नहीं दी जाती कि डीएपी खाद कब उपलब्ध होगी, जबकि यूरिया का उपयोग गेहूं की बोवनी के बाद में होता है और वर्तमान में उन्हें डीएपी की जरूरत है. गेहूं की फसल की बोआई शुरू होते ही किसानों के लिए डीएपी खाद की किल्लत शुरू हो गयी. निजी दुकानों द्वारा प्रति बोरी तय दर से पांच सौ से छह सौ की अधिक लिया जा रहा है

बिस्कोमान के गोदाम पर पहुंचे किसानों ने अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार :

रात से किसानों द्वारा लाइनों में लगने के बावजूद खाद नहीं मिलने पर अधिकारियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. बगेन पंचायत से पहुंचे सुनील यादव व श्री राम सिंह एक राशि पंचायत से मोतीलाल पासवान व सुरेंद्र पासवान महुआर पंचायत से पहुंचे कपिल मल्लाह, लालजी यादव व रामकृष्ण यादव सहित दो दर्जन से अधिक किसानों ने इस समस्या का पूरी तरह से कृषि विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. किसानों का कहना है कि विभाग के आला अधिकारी किसानों की समस्या को सुनने को तैयार नहीं है. निजी खाद दुकानों द्वारा अपने गेट पर खाद का स्टॉक नहीं होने का बोर्ड चस्पा कर दिया है, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों निजी खाद दुकानदारों द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर बगेन, रघुनाथपुर व ब्रह्मपुर कालाबाजारी करने में लगे हुए हैं. क्षेत्र के किसानों को खाद की आवश्यकता होती है, उसी दौरान निजी खाद विक्रेता के दुकानों पर खाद की कमी हो जाती है लेकिन निजी दुकानदार विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर मनमर्जी के रेटों पर किसानों को खाद उपलब्ध कराकर मालामाल हो रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि उच्च अधिकारियों को इस बारे में मालूम ना हो लेकिन अधिकारी भी सब कुछ जानते हुए मौन साधे हुए हैं.

प्रखंड में मौजूद उर्वरक विक्रेता के पास उपलब्ध डीएपी :

कृषि विभाग द्वारा 16 नवंबर को जारी किए गए प्रखंड के उर्वरक विक्रेता के पास कितनी डीएपी खाद अभी मौजूद है इसका आंकड़ा कृषि विभाग के वेबसाइट अनुसार विंध्यवासिनी खाद भंडार के पास 0.85, ब्रह्मेश्वर के एस एस लिमिटेड के पास 3.75, दुर्गेश इंटरप्राइजेज के पास 4.65, गायघाट ब्रह्मपुर एफइडीपीसी लिमिटेड के पास 0.15, मां जगदंबा इंटरप्राइजेज के पस 0.35, मां संतोषी एंट इंटरप्राइजेज के पास, किसान सेवा केंद्र के पास 4.9, महादेव खाद-बीज भंडार के पास 1.5, बाबा खाद भंडार के पास 7, बाबा विश्वनाथ खाद भंडार के पास 1.1, राय इंटरप्राइजेज के पास 3.3, रुक्मणी खाद भंडार के पास 2.25, ओम खास भंडार के पास 1.95, पटेल खाद भंडार के पास 6.85, प्रेमट्रडर्स 4.2, राजकुमार केसरी के पास 15.95 राम सुरेश बीज भंडार के पास 1.5 व शिवानी खाद भंडार के पास 1.6 यह सभी आंकड़े चार दिन पूर्व के हैं. यदि यही आंकड़ा जिले के वेबसाइट पर प्रतिदिन अपलोड कर दिया जाए तो इससे किसानों खाद की जानकारी लेने में आसानी होगी व उन्हें एक दुकान से दूसरे दुकान तक भटकना नहीं पड़ेगा.

क्या कहते हैं डीए

गेहूं की बोवाई के लिए डीएपी की जरूरत पड़ रही है. इसलिए किसानों के बीच डीएपी की डिमांड बढ़ गयी हैं. अगर किसी विक्रेता द्वारा अधिक राशि ली जाती है तो उन पर कार्रवाई होना लगभग तय है.

अविनाश शंकर, जिला कृषि पदाधिकारी, बक्सर

आधिकारिक वेबसाइट पर अभी भी डीएओ हैं शत्रुघ्न साह

ब्रह्मपुर. जिले के आधिकारिक वेबसाइट पर अभी पूर्व अधिकारी का नाम अंकित होने पर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. बुधवार को जिले अधिकारिक वेबसाइट पर अब भी पूर्व जिला कृषि पदाधिकारी शत्रुघ्न साहू का नाम अंकित है. जबकि इस समय वर्तमान में अविनाश शंकर जिला कृषि पदाधिकारी अपने पद पर कार्यरत हैं.

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