खाद की कालाबाजारी से किसानों की बढ़ी परेशानी

धान के रोपनी के बाद किसानों के लिए यूरिया व डीएपी खाद की आवश्यकता होती है

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 10:10 PM

ब्रह्मपुर. धान के रोपनी के बाद किसानों के लिए यूरिया व डीएपी खाद की आवश्यकता होती है. ऐसे में तो डीएपी खाद मिल जा रही है. लेकिन, यूरिया के लिए किसानों को बिस्कोमान सहित खाद दुकानों का चक्कर लगाना पड़ रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र में खाद को लेकर किसान परेशान हैं. बाजार में महंगे दाम पर दुकानदार द्वारा खाद बेची जा रही है. जबकि बिस्कोमान द्वारा खोले गये कृषि केंद्र पर तो स्टाक खत्म होने से खाद नहीं मिल रही है. खाद के नाम पर किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. जबकि, निजी दुकानदार खाद की जम कर कालाबाजारी कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि निजी खाद बिक्रेता जबरन अधिक रूपए में खाद लेने के मजबूर कर रहे हैं. इसके कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि बिस्कोमान के कृषि केंद्र पर तो खाद आधार कार्ड के साथ निर्धारित मूल्य पर मिल रहा था. लेकिन इस समय स्टॉक खत्म से नहीं मिल पा रहा है. वहीं, कुछ दुकानदारों द्वारा ब्लैक में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके कारण किसानों को ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस संबंध में किसानों ने बताया कि बाजार में दुकान पर खरीदने के लिए गये, जहां दुकानदार द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक पर खाद बेची जा रही है. जबकि बिस्कोमान में यूरिया खाद नहीं होने की बात कही जा रही है. किसान विजय यादव ने बताया कि खाद बाजार में मिल रही है. लेकिन महंगे दाम पर मिल रही है. बिस्कोमान पर खाद खत्म होने से परेशानी हो रही है. मैनेजिंग संस्कृति के बल पर दुकानदारों के हौसले बुलंद कई दिनों से यूरिया खाद के लिए चक्कर लगा रहे किसान विजय यादव व पवन यादव ने कृषि पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दुकानदारों द्वारा कृषि पदाधिकारी के पास महीने में एक मोटी रकम भेंट कर दी जाती है. इसलिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं कि दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती सरकारी रेट से 300 रुपये से 500 रुपये तक के अधिक रेट में खाद बेच रहे हैं. इस ओर अधिकारियों का ध्यान न होने के कारण निजी खाद विक्रेताओं के हौसले बुलंद हैं। इन दुकानदारों के गोदामों में काफी डीएपी व यूरिया खाद भरा हुआ है. इस समय धान की फसल का बुवाई करने के बाद किसान यूरिया लेने के लिए सुबह से निजी दुकानों का चक्कर लगाते हैं लेकिन सभी दुकानदारों द्वारा अधिक रेट पर खाद देने पर मजबूरन किसानों को उनके मुंह मांगे रुपया दकर खाद लेना पड़ रहा है. बिस्कोमान के गोदाम पर यूरिया का स्टॉक न होने पर दुकानदारों की कट रही चांदी रघुनाथपुर बिस्कोमान पर यूरिया का स्टॉक खत्म हो जाने से प्रखंड के किसान यूरिया खाद के लिए काफी परेशान देखे जा रहे हैं बिस्कोमान में यूरिया खाद न होने पर क्षेत्र के निजी दुकानदारों द्वारा जमकर किसानों का शोषण किया जा रहा है. किसानों को बाजार भाव से 100 से 200 रुपए अधिक के कीमत पर यूरिया खाद को खरीदना उनके लिए मजबूरी बन गई है. यह दुकानदार इसी इंतजार में थे कि कब बिस्कोमान के गोदाम से यूरिया का स्टॉक खत्म हो और कमाई की जा सके. इसके लिए व्याप्त इन दुकानदारों द्वारा अपने कई कई ठिकानों पर यूरिया खाद को गुप्त रूप रखा गया है. क्या कहते हैं बिस्कोमान के प्रबंधक इस संबंध में बिस्कोमान प्रबंधक द्वारा पूछने पर कहां गया कि यूरिया का स्टॉक अभी खत्म है आरो कटने के बाद फिर से किसानों के बीच यूरिया का वितरण शुरू कर दिया जाएगा, बिस्कोमान प्रबंधक पंकज मिश्रा प्रखंड कृषि पदाधिकारी देव आनंद रजक द्वारा कहा गया अधिक दर पर यूरिया का बिक्री किया जा रहा है ऐसी कोई भी शिकायत मेरे पास नहीं आई है

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version