फाइल- 9- नारियल की खेती कर किसान करेंगे आर्थिक उन्नतिकृषि आधारित विभिन्न योजनाओं की हुई समीक्षा
नारियल की खेती कर किसान करेंगे आर्थिक उन्नति
7 जून- फ़ोटो- 8- बैठक करते कृषि पदाधिकारी व कृषि समन्वयक राजपुर . प्रखंड के ई किसान भवन में प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार मांझी की अध्यक्षता में कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक की गयी. खरीफ मौसम में विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए कृषि विभाग के तरफ से कई योजनाओं को लागू किया गया है. जिसे किसानों तक पहुंच के लिए सभी कृषि कर्मियों को टास्क दिया गया. इन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि धान की खेती के लिए 21232 हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लक्ष्य के अनुरूप मुख्यमंत्री बीज वितरण योजना के तहत धान के तीन प्रजाति विभाग में उपलब्ध है. जिसमें स्वर्णा सब वन, सबौर श्री, सबौर संपन्न प्रजाति का बीज उपलब्ध है. जिन किसानों ने ऑनलाइन अपना आवेदन किया है.उनको बीज दिया जा रहा है. इस धान की मुख्य विशेषताएं यह है कि अधिक पानी लगने व सुखा हो जाने पर भी इसके पौधों पर किसी प्रकार का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. गलका जैसी बीमारी का भी प्रभाव इस पौधे पर नहीं रहता है.बाजरा एवं ज्वार की खेती के लिए 25 एकड़ का लक्ष्य तय किया गया है. मोटे अनाज के लिए किसान खेती कर अपने बेहतर स्वास्थ्य को बना सकते हैं. फसलों की पैदावार दुगनी करने के लिए मिट्टी का भी जांच किया जायेगा. जिसके लिए तय लक्ष्य के अनुरूप एक पंचायत में 73 किसानों से के खेत से मिट्टी का नमूना प्राप्त किया जायेगा. जिन्हें मिट्टी जांच के बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जायेगा. नारियल की होगी खेती प्रखंड उद्यान पदाधिकारी मुन्ना कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नारियल विकास योजना के तहत पहली बार किसानों को प्रेरित करने के लिए लक्ष्य दिया गया है. जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 60 पौधा, अनुसूचित जाति के लिए 20 पौधा एवं अनुसूचित जनजाति के लिए एक पौधा वितरण किया जाएगा. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत सामान्य वर्ग के लिए 50 एकड़ एवं अनुसूचित जाति के लिए 7 एकड़ ,अनुसूचित जनजाति के लिए एक एकड़ भूमि पर इसको विस्तार के लिए लक्ष्य किया गया है. किसान इस योजना का लाभ लेकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं. शुष्क बागवानी मिशन के तहत इस बार आंवला, एप्पल बेर, नींबू ,अमरूद के लिए भी लक्ष्य तय किया गया है. जिसमें लगभग 20 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर इसकी बागवानी कर किसान अपना आर्थिक आमदनी करेंगे. मुख्यमंत्री पपीता,केला एवं आम अमरूद विकास योजना के तहत लगभग 11 हेक्टेयर भूमि पर लक्ष्य तय किया गया है. जिसके लिए किसान अपना आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इस बैठक में कृषि समन्वयक संजय सिंह, दिलीप कुमार सिंह, सत्येंद्र नारायण सिंह, राकेश कुणाल, किसान सलाहकार ऋषि मुनि सिंह, पूर्णानंद मिश्रा, मुकेश सिंह, संजय ओझा, देवधारी सिंह के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.
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