-आगामी 19 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आशा कर्मी घर घर जाकर कुष्ठ रोगी की पहचान कर पीएचसी में जानकारी देंगी. पीएचसी प्रभारी डॉ आरबी प्रसाद ने कहा कि कुष्ठ रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो समाज के विभिन्न हिस्सों में अब भी व्याप्त है. यह एक संक्रामक रोग है, लेकिन समय पर पहचान और उपचार से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. कुष्ठ रोगियों को समाज से अलग-थलग करने की बजाय, उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुष्ठ रोग के प्रति समाज में मौजूद मिथकों और गलत धारणाओं को समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी को नियंत्रित करना और 2030 तक इसे पूरी तरह से समाप्त करना हमारा सामूहिक लक्ष्य होना चाहिए. पीएचसी प्रबंधक ने कहा कि कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक और भेदभाव को खत्म करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. ताकि मरीज बिना किसी डर या शर्म के आगे आकर अपना इलाज करवा सके. प्रखंड वासियों से अपील किया कि कुष्ठ रोगी खोजी अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें. उन्होंने कहां कि समाज के प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है कि वे कुष्ठ रोग के प्रति अपनी सोच बदलें और इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें, तभी इस बीमारी को समाज से पूरी तरह से मिटा सकते हैं.
फाइलेरिया के मरीजों को मिलेगी एमएमडीपी किट-फाइलेरिया सर्वे के दौरान चिन्हित ग्रेड दो के मरीजों को एमएमडीपी किट मिलेगा. इसकी जानकारी बीसीएम अक्षय कुमार व अभिषेक कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि प्रत्येक सोमवार, मंगलवार और बुधवार को फाइलेरिया ग्रेड दो के मरीज एमएमडीपी किट ले सकते हैं. पीएचसी प्रभारी डॉ आरबी प्रसाद ने कहा फाइलेरिया नियंत्रण उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल होकर सभी को दवा जरूर खाना चाहिए, ताकि यह रोग समाज से खत्म हो जाए.
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