राजपुर के चार पर्यावरण संरक्षकों को मिला पर्यावरण योद्धा सम्मान
प्रखंड के विभिन्न गांव में पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणों को जागरूक करने व पौधारोपण के लिए चार शिक्षकों को पर्यावरण योद्धा सम्मान से भोपाल में सम्मानित किया गया
राजपुर. प्रखंड के विभिन्न गांव में पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणों को जागरूक करने व पौधारोपण के लिए चार शिक्षकों को पर्यावरण योद्धा सम्मान से भोपाल में सम्मानित किया गया. जिसमें आसा पर्यावरण सुरक्षा बिहार के संयोजक सह ब्रांड एम्बेसडर स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 नगर परिषद बक्सर के शिक्षक विपिन कुमार, राजपुर प्रखंड के देवढ़िया निवासी शिक्षक ब्रजेश कुमार सिंह, गजरही निवासी शिक्षिका उषा मिश्रा, जितेन्द्र मिश्रा को भोपाल में पर्यावरण योद्धा हरित सम्मान से नवाजा गया.मध्य प्रदेश की राजधानी झीलों की नगरी भोपाल में मध्य प्रदेश के पदमश्री बाबू लाल दहिया, असम के पदम श्री वन पुरुष श्री जादव पायेंग और राजस्थान के मशहूर गांव पिपलांत्री के सरपंच पदम श्री डॉ श्याम सुंदर पालीवाल और पीपल नीम तुलसी अभियान के संस्थापक गुरुवर डॉ धर्मेंद्र सर की उपस्थिति में बक्सर के उक्त चारों पर्यावरण प्रहरियों को भोपाल के आंचलिक विज्ञान केंद्र के प्रेक्षागृह में पर्यावरण योद्धा हरित सम्मान के साथ पर्यावरण सांसद की उपाधि से अलंकृत किया गया. यहां पर्यावरण संसद का आयोजन भी किया किया गया. जिसमें उपस्थित पर्यावरणविदों ने एक स्वर में कहा कि सरकारें पढ़ाई का ऐसा सिस्टम विकसित करे जो पर्यावरण से लिंक हो और उसे बढ़ावा देता हो. जल जंगल जमीन बचाने हेतु हम सभी को आगे आना होगा. पर्यावरण संसद शुरू होने से पहले भोपाल में पर्यावरण प्रहरियों द्वारा पदयात्रा निकाली गयी. पदयात्रा में बक्सर के पर्यावरण प्रहरी शिक्षक विपिन कुमार द्वारा एक डेमो के माध्यम से लोगो को आगाह किया गया कि यदि हम वनों को बचाने के प्रति सचेत नहीं हुए तो हमें जीने के लिए पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलना पड़ेगा. विपिन कुमार ने पर्यावरण संसद के आयोजनकर्ता डॉ राजीव जैन, शरद सिंह कुमरे, आनंद पटेल और चौधरी भूपेंद्र सिंह के प्रति आभार जताते हुए इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए साधुवाद दिया. इन सभी के सम्मानित होने पर क्षेत्र के समाज सेवी मकरध्वज सिंह, शिक्षक धनंजय मिश्रा, सिकंदर सिंह के अलावा अन्य लोगों ने इन्हें बधाई देते हुए कहा कि हमें इन लोगों से प्रेरणा लेकर गांव-गांव तक लोगों को जागरूक होने की जरूरत है.
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