Buxar News: इस सीजन सबसे सर्द रही शुक्रवार की रात

शुक्रवार को अब तक की सबसे सर्द रात रही. तापमान लुढ़ककर सात डिग्री तक पहुंच गया था. पश्चिमी विक्षोभ से बक्सर जिला के आबोहवा में कोहरा और ठंड पसरा हुआ है

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 9:36 PM

बक्सर. शुक्रवार को अब तक की सबसे सर्द रात रही. तापमान लुढ़ककर सात डिग्री तक पहुंच गया था. पश्चिमी विक्षोभ से बक्सर जिला के आबोहवा में कोहरा और ठंड पसरा हुआ है. आम-आवाम ठंड से परेशान है. लिहाजा शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जा रहे हैं. हालांकि शनिवार को भी दिन में दोपहर बाद हल्की धूप के बाद शाम होते ही गलन का अहसास बढ़ गया. सुबह में ठंड के कारण सड़कें विरान रही. इधर कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण शहर की चौक-चौराहे सर्द रात में सुनसान हो जा रही है. ठंड के साथ शुरू हुई कोहरे की रफ्तार ने ट्रेनों की चाल को भी सुस्त कर दिया है. ट्रेनें अपने निर्धारित समय से दो से लेकर पांच घंटे विलंब से स्टेशन पहुंच रही हैं. नयी दिल्ली से इस्लामपुर जाने वाली मगध एक्सप्रेस शनिवार की रात नौ बजे तक बक्सर स्टेशन आने की संभावना है. रोडवेज के बसों के ठहरने वाले स्थान पर भी अलाव नहीं जलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि शुक्रवार को न्यूतनम तापमान सात डिग्री और अधिकतम तापमान 17 डिग्री पर रहा. जबकि हवा में 5 किलो मीटर प्रतिघंटा और हवा में नमी 74 फीसदी रहा. हालांकि ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की है. वही गरीब व असहाय लोगों के बीच कंबल भी बांटी. बढ़ते शीतलहर से धूप हुई बेअसर, आमजन परेशान चौसा. पश्चिमी व उत्तरी विक्षोभ के चलते क्षेत्र में ठंड बढ़ने लगी है. लेकिन प्रशासन द्वारा सार्वजनिक स्थानों में अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. इससे शाम और रात के समय राहगीरों व आमजनों को ठंड से समस्या हो रही है. कुछ दिन पहले तक बादल की वजह से ठंड कम थी लेकिन मौसम साफ होते ही क्षेत्र में अब कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है. हरेक साल ठंड बढ़ते ही प्रशासन द्वारा लोगों को राहत दिलाने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों, बस स्टैंड समेत प्रमुख चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है. मगर इस साल पिछले कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण रात के समय लोगों को खुले में ठंड से बचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है. जबकि रात बढ़ते ही तापमान गिरने से खुले में गर्म कपड़े भी असर नहीं करते हैं. इस वजह से रात के समय में वजह से रात के समय आमजन ठंड से परेशान हो रहे हैं. ठंडी हवाओं और शीतलहर का असर जारी है. बाजारों में भी भीड़ कम हो गई है बहुत जरूरी होने पर लोग बाहर निकल रहे हैं. वहीं जहां भी अलाव जलते लोग देख रहे हैं थोड़ी देर वहां खड़े हो जा रहे हैं ताकि सर्दी से कुछ तो राहत मिल जाए.पछुआ हवा दिन में निकली धूप को भी बेअसर कर दे रही हैं. तापमान गिरता जा रहा है. दिन रात गुलजार रहने वाले चट्टी-चौराहे और बाजार सुनसान और वीरान नजर आ रहे हैं. बाजारों में सिर्फ गर्म कपड़ों के दुकानों पर लोग शाल, मफलर, स्वेटर, मोजा दस्ताने और टोपी खरीदते नजर आ रहे है. प्रशासन द्वारा अलाव जलाने के कोरे आश्वासन को धता बता रहे लोग खुद लकड़ी, कागज व कार्टून के दफ्ती जलाकर शरीर को गर्माहट दे रहे हैं. इस गलन भरी ठंड में लोगों को अपने घरों में बैठे बुजुर्गों और बच्चों को बचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. सबसे दयनीय दशा गरीबों, रिक्शा चालकों व बेसहारा पशुओं की है.

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