Buxar News: धर्म स्थापना के लिए अवतरित होते हैं परमात्मा: ओझा

इटाढी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को आचार्य श्री रणधीर ओझा ने भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2025 9:54 PM

बक्सर

. इटाढी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को आचार्य श्री रणधीर ओझा ने भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया. जिसे सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गये और भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की झांकी का दर्शन कर धन्य हो गए.कथा के दौरान आचार्य श्री ने कहा कि धरा पर आसुरी शक्तियां जब-जब हावी हुईं, परमात्मा अवतार लेकर आसुरी शक्तियों का संहार कर धर्म की स्थापना किए. उन्होंने कहा कि जीव यदि पूरी निष्ठा से प्रभु की भक्ति करता है तो वह दैत्यराज बलि के रूप में जन्म लेता है व उस पर कृपा के लिए भगवान स्वयं वामन के रूप में आते हैं. परमात्मा जब द्वार पर आते हैं तो जीव से तीन कदम पृथ्वी अर्थात तन, मन एवं धन मांगते हैं. जो व्यक्ति दैत्यराज बलि की भांति तन से सेवा, मन से सुमिरन व धन से सेवा करता है, भगवान उसके द्वारपाल बनकर उनकी रखवाली करते हैं और वह अक्षुण्ण साम्राज्य का स्वामी होता है. कथा को विस्तार देते हुए महाराज श्री ने कहा कि मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण के रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के तौर पर जन्म लिया तथा धर्म एवं प्रजा की रक्षा हेतु कंस का अंत किया. वह परमात्मा होने के बावजूद अपने माता, पिता के चरणों में प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे. यह सीख हमें भगवान श्रीकृष्ण से सभी को लेनी चाहिए. आज की युवा पीढ़ी धन कमाने की होड़ में आचार, व्यवहार व संस्कार को भूलती जा रही है, लेकिन अपने कुल, धर्म व मर्यादा का पालन बहुत जरूरी है. मौके पर श्याम बिहारी पाठक, द्वारिका दूबे, कमलेश पाठक, गोविंद पाठक के अलावा भगवान वामन चेतना मंच के संजय ओझा, अभिषेक ओझा, सरोज तिवारी, अवधेश चौबे, प्रभाकर पाठक, मंटू पाठक, मृत्युंजय तिवारी, दयानंद उपाध्याय, गिरीश दूबे, ओमांश व रुद्रांश आदि उपस्थित थे.

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