सोना है नारियल का रेशा, सेल चांदी
नारियल का रेशा सोना जैसा बहुमूल्य है. इसका सेल (कटोरी) ब्लैक डायमंड है जबकि गरी सिल्वर और पानी अमृत है
चक्की . नारियल का रेशा सोना जैसा बहुमूल्य है. इसका सेल (कटोरी) ब्लैक डायमंड है जबकि गरी सिल्वर और पानी अमृत है. उक्त बातें सोमवार को भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय अंतर्गत नारियल विकास बोर्ड के निदेशक राजीव भूषण प्रताप ने कहीं. इससे पूर्व बड़कासिंहनपुरा स्थित आरएसएम सेंट्रल पब्लिक स्कूल में बोर्ड की ओर से एक सप्ताह की अवधिवाला कोकोनट हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया गया. इसके तहत 15 बेरोजगार युवा युवतियों को नारियल के रेशे व सेल से कप, प्लेट, देवी- देवताओं, पशु- पक्षियों के साथ ही फोटो फ्रेम व कलात्मक वस्तुओं को बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह कार्यक्रम विकास परिषद के सौजन्य से आयोजित किया गया है. नारियल विकास बोर्ड के निदेशक राजीव भूषण प्रताप ने कहा कि ट्रेनिंग करने वाले सभी अभ्यार्थिंयों को टूल किट व बैग के साथ 1500 रुपये सरकार की ओर से दिये जायेंगे. ट्रेनिंग लेने के बाद किसी को बैठना नहीं है और लगातार काम करते रहना है. जिला उद्योग केंद्र – बक्सर के प्रोजेक्ट मैनेजर विद्या भूषण पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लोन लेने पर 35 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा रही है. उन्होंने भारत सरकार के साथ ही बिहार सरकार के उद्योग विभाग की योजनाओं की भी जानकारी दी. विकास परिषद- बड़कासिंहनपुरा के अध्यक्ष हेमचंद्र ओझा ने कहा कि हुनरमंद लोग कभी बेरोजगार नहीं रहते. इसीलिए विकास परिषद गांव के हर युवा – युवती को सरकारी ट्रेनिंग दिलाने के लिए पहल कर रहा है. गांव में ही एमएसएमई मंत्रालय की ओर से फूड प्रोसेसिंग कोर्स भी 25 अभ्यार्थियों को कराया जा रहा है. समाजसेवी प्रमिला ओझा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए मैं आजीवन संघर्ष करती रही और मैं आप लोगों के साथ खड़ी भी हूं. आपको जब भी मेरी जरूरत होगी मैं हर संभव ममद करूंगी. नारियल विकास बोर्ड की तकनीकी अधिकारी विनीता कुमारी ने कहा कि नारियल के रेशे व सेल से विभिन्न तरह की कलात्मक व घरेलू उपयोग की वस्तुएं बनाई जाती हैं. इनकी बाजार में अच्छी कीमत है और इस हुनर से कोई भी स्वावलंबी बन सकता है. मास्टर ट्रेनर सपना कुमारी व राजेश कुमार ने कहा कि जिस नारियल के रेशे को हम फेंक देते हैं उससे दर्जनों तरह की वस्तुएं बन सकती हैं. समन्वयक अंकेश कुमार ने कहा कि अल्प अवधि का यह कार्यक्रम दीर्घ अवधि का नतीजा देता है. जो दिल से सिखेगा वह जीवन में कभी बेरोजगार नहीं रहेगा. पत्रकार दिलीप ओझा उर्फ मिथिलेश ने कहा कि ट्रेनिंग लेने वाली सभी महिलाओं को बिहार महिला उद्योग संघ से जोड़ा जाएगा. उन्होंने जानकारी दी कि विकास परिषद के अध्यक्ष हेमचंद्र ओझा व महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा के बीच इस संबंध में बातचीत हो चुकी है. उषा झा शीघ्र बड़कासिंहनपुरा का भ्रमण कर सभी अभ्यार्थिंयों से मिलेंगी. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पूर्व सरपंच निरंजन ओझा ने अभ्यार्थियों से अपील की कि वे हर हाल में सफलता की बुलंदी पर पहुंचे और गांव का नाम रौशन करें
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