फाइल- 4- गुलामी को नकारते हुए मौत को गले लगा शहीद हुए थे मुंडा : राजू खरवारशहादत दिवस पर खरवार समुदाय ने किया बिरसा मुंडा को याद

गुलामी को नकारते हुए मौत को गले लगा शहीद हुए थे मुंडा : राजू खरवार

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 5:44 PM

9 जून- फोटो-3- शहादत दिवस पर बीरसा मुंडा को याद करते खरवार समुदाय के लोग चौसा. नपं चौसा में राजू खरवार, प्रदेश अध्यक्ष , युवा खरवार महासभा बिहार के नेतृत्व में क्रांतिकारी विचारों से आदिवासी समाज को नयी दिशा देने वाले महान आदिवासी नेता, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक धरती आबा बिरसा मुंडा की शहादत दिवस मनायी गई. भगवान बीरसा मुंडा जी के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर खरवार समाज द्वारा और बीरसा मुंडा जी के संघर्ष से सीख ले कर अपने आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचार को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ने की संकल्प लिया. राजू खरवार ने बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिरसा मुंडा जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को हमेशा याद रखना चाहिए. स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान सराहनीय है. इसलिए बिहार व झारखंड के लोग आज भी उन्हें सम्मान देते हैं. बिरसा मुंडा द्वारा बताए मार्ग पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है. देश की आजादी तथा आदिवासी समुदाय के उत्थान में उनके योगदान की चर्चा की चर्चा करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने मौत को गले लगा लिया पर गुलामी पसंद नहीं की. उन्होंने जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए शहादत दी,उन्होंने कहा कि आज आदिवासी सामाज के सामने वैसी ही चुनौती है. उनका हक मारा जा रहा है. बिरसा मुंडा के विचारों से समाज के लोगों को अवगत कराकर उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया जाएगा. शिक्षा के बगैर समाज का उत्थान हो सकता है. इस दौरान हीरालाल खरवार, बीर बिहारी खरवार, ललन खरवार, अशोक खरवार, विनोद खरवार, कृष्णा खरवार, रामाशंक खरवार, ददन खरवार, आकाश खरवार, अर्पित खरवार, पान्डे खरवार, विशाल खरवार, गोपाल खरवार, रवि खरवार, सुमित सिंह खरवार आदि शामिल रहे.

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