Buxar News: जान जोखिम में डाल सांपों को बचाते हैं हरिओम, दो बार डंस चुका है कोबरा

बारिश के मौसम में अपनी जान जोखिम में डाल कर बक्सर के हरीओम सांपों की रक्षा कर रहे हैं. वो रिहायशी इलाकों में घुसें सांपों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ते हैं. दो बार उन्हें कोबरा सांप काट भी चुका है

By Anand Shekhar | June 29, 2024 7:40 PM

Buxar News: बरसात के मौसम में सांपों के काटने का खतरा बढ़ गया है. स्थिति ऐसी है कि विभिन्न प्रजातियों के सांप बारिश से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों की तलाश में रिहायशी इलाकों में घुसकर घरों तक पहुंच रहे हैं. लोग उन बेजुबान और मासूम सांपों को मौत समझकर या तो खुद को बचाने के लिए उन्हें मार देते हैं या फिर उन्हें मारने की कोशिश में उनके चंगुल में फंसकर असमय मौत के मुंह में समा जाते हैं.

पिछले तीन दिनों में पकड़े 17 सांप

बक्सर जिले के सदर प्रखंड के दलसागर निवासी हरिओम नारायण सर्प मित्र बनकर न सिर्फ सांपों को पकड़कर उन्हें मुसीबत से बचा रहे हैं, बल्कि इंसानों पर होने वाले खतरे को भी कम कर रहे हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन दिनों में हरिओम ने विभिन्न घरों से 17 सांपों को पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा है. इनमें 7 किंग कोबरा, 5 करैत और तीन धामिन समेत अन्य प्रजातियों के सांप शामिल हैं.

औसतन दो सौ लोग बनते हैं सांपों के निवाला

हरिओम कहते हैं कि बक्सर जिले में हर साल बरसात के मौसम में 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो जाती है. आने वाले 4 से 5 महीनों में सांप के काटने से कई लोगों की मौत हो जाएगी. क्योंकि बारिश के पानी की वजह से खेतों और निचले इलाकों में पानी भर जाता है. जिसकी वजह से सांप सुरक्षित जगह की तलाश में घरों तक पहुंच जाते हैं और लोगों को काट लेते हैं.

जिले में जहरीले सांपों की प्रजातियां

सर्प मित्र हरिओम बताते हैं कि भारत में सांपों की 300 प्रजातियां पाई जाती हैं. जिसमें से मात्र 15 सांप ही जहरीले होते हैं, लेकिन जिले में मात्र दो जहरीले सांप पाए जाते हैं. बाकी सभी सांप जहरीले नहीं होते. गैर जहरीले सांप के काटने पर लोग अंधविश्वास के चलते झाड़-फूंक से बच जाते हैं, जबकि जहरीले सांप के काटने पर लोगों की मौत हो जाती है. ऐसे में सांप काटने के 3 घंटे के अंदर तुरंत अस्पताल पहुंचने पर व्यक्ति की जान बचाना संभव है. बक्सर में दो जहरीले सांप कोबरा और करैत हैं. स्थानीय भाषा में कोबरा को नाग या गेहूंअन कहते हैं.

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सबसे खतरनाक होता है करैत

जिले में पाए जाने वाले दो विषैले सांपों में सबसे खतरनाक है करैत. यह रात 10 बजे के बाद अपने बिल से बाहर निकलता है और सुबह 4 बजे से पहले सो रहे इंसान के संपर्क में आता है. इसके काटने पर चींटी या मच्छर जितना दर्द होता है. इसके काटने के 1 से 2 घंटे के अंदर पेट में दर्द, उल्टी और चक्कर आने लगते हैं और सही जानकारी के अभाव में व्यक्ति की मौत हो जाती है.

उपचार के लिए पहुंचे अस्पताल

अगर किसी व्यक्ति को रात में कभी भी पेट दर्द, उल्टी या चक्कर आए तो उसे तुरंत सदर अस्पताल ले जाना चाहिए. हरिओम कहते हैं कि उन्हें दो बार कोबरा ने काटा है. इसलिए मुझे अच्छी तरह पता है कि सांप के काटने पर क्या करना चाहिए.

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