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Buxar News: यौनशोषण पीड़ित महिलाओं को दी गयी कानून की जानकारी

Buxar News: यौन शोषण और जबरन विवाह के उद्देश्य से आज देश में महिलाओं, बच्चियों की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. खासकर उन क्षेत्रों में अधिक जहां लिंग अनुपात पुरुषों के पक्ष में अत्यधिक झुका हुआ

डुमरांव

. व्यावसायिक यौन शोषण और जबरन विवाह के उद्देश्य से आज देश में महिलाओं, बच्चियों की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. खासकर उन क्षेत्रों में अधिक जहां लिंग अनुपात पुरुषों के पक्ष में अत्यधिक झुका हुआ है. तस्करी आपराधिक कृत्यों को बढ़ावा देती है. मानव तस्करी एक गंभीर अपराध और मानवाधिकारों के दुरुपयोग दोनों रूपों में करता है. उक्त बातें पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव ने लाखनडीहरा पीड़ितों से जानकारी देने के दौरान बताया. प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष हर्षित सिंह एवं अवर न्यायाधीश सह सचिव नेहा दयाल के मार्गदर्शन में पैनल अधिवक्ता एवं पीएलवी अनिशा भारती द्वारा आम जनता को तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों से संबंंधीच जानकारी दी गयी.

14 को लगेगा लोक अदालत

साथ हीं लोगों से अपील की गई कि 14 दिसंबर को वर्ष का अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय बक्सर में होगा. अधिक संख्या में पहुंचकर अपने मुकदमों का निपटारा कराते हुए लाभान्वित हों. पीएलवी अनिशा भारती ने कहा तस्करी और व्यावसायिक यौन शोषण पीड़ितों के अंतर्गत ऐसी पीड़ित महिलाएं जो तस्करी या यौन शोषण की शिकार पाई जाती है, उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा की योजनाएं चलायी जा रही है. जिसमें निःशुल्क कानूनी सहायता, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पुनर्वास, भोजन और गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए जो आवश्यकता है, उसे उपलब्ध करायी जाती है. तस्करी और यौन शोषण की पीड़ितों को कानूनी जागरूकता तथा कारपोरेट जगत द्वारा भी अपनी सामाजिक जवाबदेही निभाते हुए ऐसे पीड़ितों के कौशल निर्माण और रोजगार सहित तस्करी के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए उपायों का समर्थन करते हैं. उक्त संबंध में सभी स्टेक होल्डर के संवेदीकरण तथा अन्य क्षेत्रों में अन्य संगठनों की सहायता प्राप्त करने का निर्देश है. अधिवक्ता मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 मानव तस्करी, बलात श्रम और इसी प्रकार के अन्य बेगारी के प्रकारों पर प्रतिबंध लगाती है. जिसमें देश के लाखों अलप सुविधा प्राप्त और वंचित लोगों की रक्षा की जा सके. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 (3) में स्पष्ट प्रावधान है कि राज्य महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान कर सकता है. मौके पर उपमुखिया ऋषिकेश दुबे, राजकुमारी देवी, परशुराम गिरी, दामोदर महतो, जितेन्द्र महतो आदि उपस्थित रहें.

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