खनन पदाधिकारी पर जानलेवा हमले में कनीय पदाधिकारियों व कर्मियों की भूमिका की जांच शुरू

जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार पर जानलेवा हमला मामले में शक की सुई अपनों पर टिक रही है, जिसको लेकर जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. आलम यह है कि शक के दायरे में आने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों में हड़कंप मच गया है. यही नहीं घटना के समय मौके पर उपस्थित सैप के जवानों की संलिप्तता की पड़ताल भी की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 10:15 PM

बक्सर. जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार पर जानलेवा हमला मामले में शक की सुई अपनों पर टिक रही है, जिसको लेकर जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. आलम यह है कि शक के दायरे में आने वाले पदाधिकारियों व कर्मियों में हड़कंप मच गया है. यही नहीं घटना के समय मौके पर उपस्थित सैप के जवानों की संलिप्तता की पड़ताल भी की जा रही है. जांच की जिम्मेदारी पुलिस कप्तान मनीष कुमार खुद संभाल रहे हैं. यह घटना 11 जून की सुबह शहर से सटे जासो रोड स्थित नदांव रेलवे क्रॉसिंग के पास घटी, जब ओवरलोड बालू लदे ट्रकों की जांच करने जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार पहुंचे थे. इस मामले में मुफ्फसिल पुलिस द्वारा अभी तक दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के ही नदांव निवासी लक्ष्मण यादव का पुत्र मनु यादव एवं नगर के सोहनीपट़टी मुहल्ला निवासी रामाशंकर मिश्र का पुत्र विशाल कुमार मिश्र शामिल है. इस मामले में अन्य चार अन्य आरोपित अभी फरार चल रहे हैं. जबकि इस मामले में विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद प्रशासनिक जांच शुरू कर दी गयी है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो जांच के दायरे में विभाग के दो कनीय अधिकारी के अलावा कर्मी भी शामिल हैं. खनन इंसपेक्टर अंबिक कुमार ने कहा कि इस मामले की विभागीय जांच चल रही है. जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा. जबकि उपविकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने कहा कि घटना के समय खनन पदाधिकारी के साथ सैप के जवान भी थे, लेकिन किसी ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. इसकी जांच एसपी मनीष कुमार खुद कर रहे हैं. खनन पदाधिकारी पर जानलेवा हमला के बाद 15 जून को अहले सुबह जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल, सदर एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा, व सदर एसडीपीओ धीरज कुमार सड़क पर ओवर लोड बालू लदे ट्रक की जांच करने जब पहुंचे तो कुल 18 ओवर लोड बालू लदे ट्रक जब्त किये गये, जिनसे कुल 55 लाख 28 हजार 291 रुपये की वसूली की गयी. वहीं एक व्यक्ति को सरकारी कार्य कार्य में बाधा डालने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

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