बक्सर. नगर के सिडिंकेट पर सुबह में ही जाम लगने के कारण नगर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी. जिसके कारण विद्यालय के वाहनों के साथ ही यात्री बसें एवं ट्रकें फंस गई थी. संचालन इतना धीरे हुआ कि वाहन एक घंटे में 500 गज की दूरी तय किये. जाम के कारण पुलिस अधीक्षक भी परेशानी का सामना शुक्रवार को करना पड़ा. उनके स्कॉर्ट में शामिल सुरक्षा के जवान ट्रैफिक की कमान गोलंबर से सिंडिकेट तक संभाल लिये थे. परेशानी विद्यालय के वाहनों को उठानी पड़ी. विद्यालय के वाहन जाम में फंस गये. जिससे बाद बच्चे अपने विद्यालय घंटों देर से पहुंचे. वहीं जाम को देखते हुए छोटे वाहन अपना रास्ता बदल लिये. वहीं ई-रिक्सा एवं ऑटो जाम को देखते हुए वापस लौट गये. जाम की समस्या पूरे दिन कायम रही. वहीं ट्रैफिक विभाग के अधिकारी व जवान इस जाम के प्रति उदासीन बने रहे. ट्रैफिक अधिकारी जाम को हटवाने की बजाय बिना हेलमेट एवं वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना वसूली में मस्त दिखे. ज्ञात हो कि नगर में जाम की समस्या आम हो गई है. इस दौरान गोलंबर से बाईपास रोड में पूरे दिन जाम की स्थिति कायम रही. लेकिन ट्रैफिक जवान व अधिकारी इससे अनभिज्ञ बने रहे. जिसके कारण नगरवासी इस जाम की झाम में पूरी तरह फंसे रहे. शुक्रवार को सुबह सात बजे से लगी जाम दोपहर दो बजे तक कायम रही. इस दौरान नगर में रेंगकर वाहनों का संचालन हुआ. लेकिन ट्रैफिक विभाग पूरी तरह इस जाम से अनभिज्ञ बना रहा. सिंडीकेट से गोलंबर तक नगर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह विफल दिख रही है. जहां बेतरतीब ढंग से सड़कों पर विभिन्न प्रकार की वाहन खड़ा रहती है. जिससे अक्सर जाम लगी होती है. बच्चों को विद्यालय जाने एवं आने के दौरान जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
विद्यालयों के वाहन सुबह में ही फंसे रहे. जिसके कारण निर्धारित समय से बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच पाये. उन्हें प्रतिदिन जाम के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है. वही हाल छुट्टी होने पर भी एक से दो किलोमीटर बच्चों को पहुंचने में घंटों समय लग रहा है. जिससे इस भीषण गर्मी में उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है.
स्कॉर्ट के सहारे निकली आरक्षी अधीक्षक की वाहन
इस जाम में गोलंबर पर बक्सर आरक्षी अधीक्षक मनीष कुमार की गाड़ी भी दिन के लगभग 12 बजे शहर में आने के दौरान जाम में फंस गई थी. जिसके बाद उनके स्कॉर्ट पार्टी के जवानों ने मोर्चा संभाला. जाम में फंसी सभी गाडियों को किनारे कराते हुए उनकी गाड़ी को किसी तरह से काफी मशक्क्त के बाद किसी तरह निकाला गया. जाम से निकलने में खास की हालत ऐसी रही. तो आम लोग इस स्थिति को प्रतिदिन कैसी रह रही है यह विचारणीय है. ऐसी स्थिति में ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों को आम लोगों को भी जाम से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य योजना की आवश्यकता है. नगर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने की जिम्मेवारी जिस ट्रैफिक पदाधिकारी की है वह यह भूल जाते है कि नगर की जाम से मुक्ति नगर वासियों को दिलाना उनकी ही जिम्मेदारी है. ऐसे में ट्रैफिक अधिकारी को कुछ समय निकाल कर नगर को जाम से मुक्ति की दिशा में भी पहल करनी चाहिए. जिससे नगर की यातायात सुगम बन सके.