बक्सर . जिले के सभी प्रखंडों में जीविका भवन बनाया जायेगा. इसे लेकर सभी प्रखंडों में स्थल चयन का काम पूरा कर लिया गया है. जबकि सिमरी, इटाढी, राजपुर व नावानगर में जीविका भवन का निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए उसे महिलाओं को हस्तगत कर दिया गया है. वही डुमरांव, ब्रह्मपुर व चक्की में भवन निर्माण कार्य चल रहा है. शेष प्रखंडों में चौसा, केसठ, चौगाई एवं बक्सर में इसके लिए भूमि चिह्नित किया जा रहा है. यह जानकारी उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने दी. उन्होंने बताया कि आजीविका संबर्धन में सहायक ग्राम संगठन भवन (जीविका भवन) के रूप में जीविका दीदियों को यह उपहार दिया जा रहा है ताकि ग्रामीण महिलाएं समूह में इससे जुड़कर अपने व अपने परिवार के आजीविका के लिए सशक्त हो. डीसीसी ने बताया कि एक जीविका भवन के निर्माण पर कुल 16 लाख 50 हजार रुपये लागत खर्च है. उन्होंने बताया कि जिले के प्रखंडों में जीविका के द्वारा महिलाओं के समूहों का निर्माण किया गया है. साथ ही ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संघ का भी निर्माण किया गया है. जिससे काफी संख्या में महिलाएं समूह से जुडकर अपने एवं अपने परिवार के आजीविका के लिए प्रयास कर रही है. मगर ग्राम संगठन स्तर पर समूह की बैठक करने अभिलेखों का संधारण करने का कोई नियत स्थान व भवन नहीं था. जिसे लेकर प्रखंडों में स्थल का चयन कर ग्राम संगठन भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है. उनकी माने तो एक ग्राम संगठन भवन से लगभग आठ ग्राम संगठन के 115 स्वंय सहायता समूह से 1160 दीदियां जुड़ी होती है. इस प्रकार लगभग 4000 दीदियां प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लाभ उठा रही हैं. जबकि मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संदीप कुमार मौर्य ने बताया कि ग्राम पंचायत भवनों में मनरेगा योजना अन्तर्गत एक मीटिंग हाल, एक कार्यालय कक्ष के साथ बाथरूम इत्यादि का निर्माण कराया गया है. पेयजल के लिए समरसेबल की भी व्यवस्था की गयी है. वही बिजली एवं पंखा का प्रावधान किया गया है. मनरेगा योजना से निर्मित जीविका भवन का उपयोग कर जीविका दीदियां ये काम सकती हैं संचालित जिले के सभी प्रखंडों में बन रहे जीविका भवन का उपयोग जीविका दीदियां इन कामों के लिए उपयोग कर सकती है. मसलन समूह/ग्राम संगठन के बैठकों का संचालन करना, रिकार्ड/अभिलेख को सुरक्षित स्थान पर संधारित करना, स्वामित्व की भावना से विकसित करना, आर्थिक एवं गरीबी उन्मूलन हेतु बैठक कर कार्य योजना इत्यादि तैयार करना, सामूहिक एकता को मजबूत करना एवं आर्थिक कल्याण के लिए काम करना. इस प्रकार मनरेगा अन्तर्गत निर्मित इस भवन का उपयोग पंचायत की जीविका से जुडी गरीब महिलाएं उपयोग कर अपने एवं अपने आस-पास के महिलाओं के आर्थिक उत्थान के केंद्र बिंदु के रूप में कर सकेंगी. अभी हाल ही में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने जीविका दीदियों को प्रतीक रूप में चाभी प्रदान कर जीविका भवन हस्तगत करते हुए उनका उत्सावर्धन किया.
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