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केशोपुर जल शोध संयंत्र का निर्माण कार्य अंतिम चरण में

दियरांचल के लोगों का बहुप्रतीक्षित योजना केशोपुर जल शोध संयंत्र से गंगा का शुद्ध पेयजल का आपूर्ति जल्द शुरू होने का आसार है

By Prabhat Khabar News Desk | October 4, 2024 9:56 PM

सिमरी . दियरांचल के लोगों का बहुप्रतीक्षित योजना केशोपुर जल शोध संयंत्र से गंगा का शुद्ध पेयजल का आपूर्ति जल्द शुरू होने का आसार है. जल शोध संयंत्र का कार्य अंतिम चरण में है. जिससे दियारा इलाके के लोगों में उम्मीद की किरण जगी है. लंबा इंतजार के बाद शुद्ध जल पीने का सपना लोगों का साकार होने वाला है. जल्द ही लोगों के घरों में नल के टोंटी से गंगा का शुद्ध पानी निकलेगा. जल शोध संयंत्र का उद्घाटन के लिए प्रशासनिक कवायद भी शुरू कर दी गयी है. उम्मीद जतायी जा रही है की सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल शोध संयंत्र का उद्घाटन करने वाले हैं. उद्धाटन के लिए सुगबुगाहट तेज हो गयी है. गौरतलब हो कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना केशोपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शुभारंभ बिहार सरकार के निवर्तमान पीएचडी मंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा 2009 में किया गया था. लेकिन पूर्व की नामित कार्य एजेंसी काम को अधूरा छोड़ फरार हो गयी थी. पुनः विभागीय अड़चन दूर कर नया डीपीआर तैयार किया गया व नयी कार्य एजेंसी को योजना को धरातल पर उतारने का जिम्मा सौंपा गया. प्राक्कलित राशि का भी संशोधन किया गया गया. एवियन प्लानर लिमिटेड कंपनी द्वारा केशोपुर बहुग्रामी जलापूर्ति योजना का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है. 214 वार्डों में की जायेगी आपूर्ति : दियारावासियों को अब जल्द अर्सेनिक युक्त पानी से मुक्ति मिलने वाली है. केशोपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से 214 वार्डों में गंगा नदी का शुद्ध जल का आपूर्ति की जानी है, जिसमे सिमरी प्रखंड के 189 वार्ड व बक्सर प्रखंड के 25 वार्ड शामिल है. अब 214 वार्ड के लोगों को अर्सेनिक युक्त पानी से छुटकारा मिल जायेगा. जल शोध संयंत्र से प्रत्येक दिन 17.66 एमएलडी शुद्ध पेयजल का आपूर्ति की जायेगी. अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से गंगा जल को प्यूरिफाइड किया जा रहा है. कब से लोग कर रहे हैं दूषित जल का सेवन : दियरांचल मेँ लगभग 28 वर्ष पूर्व जल की शुद्धता जांच की गई थी. प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार 1996 में शोधकर्ता द्वारा ज्ञात कराया गया था कि लगभग 20 पंचायत के गांव आर्सेनिक जल चपेट में हैं . 37 हजार घरों में पहुंचेगा शुद्ध जल : जल शोध संयंत्र से सिमरी व बक्सर प्रखंड के 37 हजार घरों में शुद्ध जल पहुंचाने का योजना है जिसमे लगभग 36 हजार घरो मे पानी का कनेक्शन दे दिया गया है. निर्मित जलमीनारों से की जायेगी सप्लाइ : एवियन प्लानर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कुल 13 जल मीनारों का निर्माण विभिन्न गांवों में किया गया है. जिसमे गंगा का प्यूरिफाइड जल का भंडारण कर घरों में सप्लाई की जायेगी. 2015 में अधूरा प्रोजेक्ट छोड़कर भाग गयी कंपनी : प्रतिदिन साढ़े 15 लाख लीटर पानी की आपूर्ति केशोपुर में बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंगा से पानी लेकर उसको मिनरल वाटर बनाया जाना है. प्रोजेक्ट के अनुसार प्लांट को प्रतिदिन साढ़े 15 लाख लीटर पानी की आपूर्ति करना है.जिसे पाइप लाइन के जरिए 87 चिरागी गांव में से 51 गांव के डेढ़ लाख से अधिक परिवारों तक पहुंचाया जाना है. प्रशासन ने प्लांट के लिए बीस एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई थी. — आर्सेनिक युक्त पानी का सेवन से होती है बिमारी:- डॉक्टर रविन्द्र नाथ दूबे का कहना है की आर्सेनिक युक्त पानी का सेवन करने से लोग चर्म रोग से ग्रसित हो जाते हैं.लंबे समय तक आर्सेनिक युक्त जल का सेवन करने से मनुष्य के सेहत पर प्रतिकूल असर पडता है.लोग त्वचा,मूत्राशय, गुर्दा,या फेफड़ा कैंसर से पीड़ित हो सकते है. –कहते है प्रोजेक्ट मैनेजर:- एवियन प्लानर लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है की जल शोध संयंत्र का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है.कुछ वार्डो में गंगा का शुद्ध पेयजल का आपूर्ति प्रारंभ कर दी गयी है.कुछ जगहों पर विवाद के कारण परेशानी थी उसे भी सुलझा कर कार्य तेजी से कराया जा रहा है.अतिशीघ्र सभी वार्डो में पानी की सप्लाई प्रारंभ हो जायेगी. — कहते है ग्रामीण:- ग्रामीण प्रेम कुमार दूबे,पुतुल यादव, नीतू प्रकाश ,पुलस्त मुनी,कल्याण जी दूबे का कहना है कि दियारावासियों को आर्सेनिक युक्त जल का सेवन करना विवशता है.क्योंकि पानी दूषित हो गया है.लेकिन अब दियारावासियों को आर्सेनिक युक्त जल से छुटकारा मिलने की उम्मीद है.एवियन प्लानर द्वारा धरातल पर तेजी से किए जा रहे काम को देखते हुए ऐसा महसूस हो रहा है की लंबे इंतजार के बाद लोगों को अब दूषित जल से छुटकारा मिल जायेगा.लोगों का कहना है की केशोपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट दियरांचल के लोगों के लिए वरदान साबित होगा.

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