Buxar News: पंडित दीन दयाल उपाध्याय-दानापुर रेलखंड पर दो आरपीएफ जवानों को ट्रेन से फेंककर हत्या करने के मामले में यूपी एसटीएफ और जीआरपी की मदद से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपी प्रेमचंद कुमार को जब आरपीएफ जवानों के फेंके गए मोबाइल और पर्स को बरामद करने के लिए मौके पर ले जाया गया तो उसने एसआई की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. इस दौरान गाजीपुर पुलिस से मुठभेड़ में प्रेमचंद के पैर में गोली लग गई और पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया.
शराब तस्करों ने की थी हत्या
आरोपियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि बीते दिनों दोनों आरपीएफ के दो जवानों की हत्या शराब तस्करों द्वारा ही की गयी थी. माना जा रहा है कि आरोपी शराब तस्करी की घटना को अंजाम दे रहे थे. जिसमें हस्तक्षेप करने के कारण दोनों आरपीएफ जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
क्या है मामला
20 अगस्त को पंडित दीन दयाल उपाध्याय-दानापुर रेलखंड पर गहमर कोतवाली क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर दो आरपीएफ जवान जावेद और प्रमोद के शव मिले थे. हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए जनपद पुलिस की टीम ने पूरी ताकत झोंक दी थी. टीम कई बिंदुओं पर जांच कर रही थी. घटना के बाद दीनदयाल उपाध्याय पहुंची जांच टीम ने गुवाहाटी-बाड़मेर एक्सप्रेस के विभिन्न कोचों की भी जांच की थी, ताकि आरपीएफ जवानों की मौत की गुत्थी सुलझाई जा सके. आरपीएफ जवान इसी ट्रेन से ट्रेनिंग के लिए मोकामा जा रहे थे, लेकिन बक्सर से सटे इलाके में उनके शव मिले. मृतक जवानों में एक बक्सर तो दूसरा गाजीपुर का रहने वाला था.
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कैसे हुई मुठभेड़
गाजीपुर एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि दो आरपीएफ जवानों की हत्या में 26 अगस्त को फुलवारीशरीफ के विनय कुमार, बिहटा के प्रेमचंद, उसरी बाजार के पंकज कुमार और वीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था. गहमर पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपी प्रेमचंद कुमार ने बताया कि मृतक जवान प्रमोद और जावेद को जहां ट्रेन से फेंका गया था, वहीं उनका मोबाइल और पर्स भी होगा, जिसे तलाशी लेने पर बरामद किया जा सकता है. गहमर पुलिस आरोपी प्रेमचंद कुमार को लेकर उस स्थान पर पहुंची, जहां प्रमोद का शव मिला था. वहां रेलवे ट्रैक के आसपास तलाशी शुरू की गई.
इसी बीच प्रमोद के शव से पहले डाउन लाइन के बगल झाड़ियों में एक पर्स बरामद हुआ, जो मृतक जावेद का था, साथ ही दोनों जवानों के मोबाइल फोन भी बरामद हुए. इसी बीच प्रेमचंद ने एसआई सुरेश मौर्य की सरकारी पिस्टल छीन ली और ट्रैक से नीचे झाड़ियों की ओर भागने की कोशिश की और पुलिस टीम को लक्ष्य करते हुए फायरिंग शुरू कर दी. एसपी के मुताबिक जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई जो प्रेमचंद के पैर में लगी, जिसे बाद में पकड़कर सीएचसी भदौरा भेजा गया.
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