आस्था और विश्वास का केंद्र है केसठ का मां भवानी मंदिर
प्रखंड के नया बाजार स्थित हजारों वर्ष पुराना मां भवानी का मंदिर आस्था एवं विश्वास का केंद्र बना हुआ है
केसठ . प्रखंड के नया बाजार स्थित हजारों वर्ष पुराना मां भवानी का मंदिर आस्था एवं विश्वास का केंद्र बना हुआ है. मां भवानी के मंदिर एवं प्रतिमा की स्थापना आदिम जनजाति चेरो खरवारों ने अपने कल्याण एवं सुरक्षा के लिए की थी. प्रारंभ में यह मंदिर जीर्णशीर्ण स्थिति में था.मंदिर के व्यवस्थापक विश्वनाथ उपाध्याय ने बताया कि मां भवानी का मंदिर का निर्माण हजारों वर्ष पहले चेरो खरवार ने अपनी सुरक्षा और कल्याण के लिए करवाया था. मंदिर के बगल में आज भी खंडहरनुमा गढ़ है. बाद में ग्रामीणों के सहयोग से मां भवानी मंदिर के निर्माण को लेकर 1986 में पहल शुरू हुआ. जो मंदिर निर्माण का कार्य लगातार चलता रहा. ग्रामीणों के सहयोग धीरे धीरे मां भवानी का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया. मां की पुरानी प्रतिमा की जगह बनारस से लाकर संगमरमर की नई प्रतिमा लगाई गई है. मां की पुरानी पत्थर की प्रतिमा आज भी मंदिर में नई प्रतिमा के बगल में बगल में रखी गयी है. जिसका श्रद्धालु व भक्त पूजा अर्चना और दर्शन करते हैं. मंदिर का महत्व वासंतिक एवं शारदीय नवरात्र में बढ़ जाता है. यहां नौ दिनों तक भक्तों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सुबह से ही मंदिर में जय माता दी की घोष एवं भक्ति गीतों से गूंज उठता है. जिसे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है. स्थानीय ग्रामीणों एवं कीर्तन मंडलियों के सहयोग से विगत लगभग 13 वर्षों से प्रत्येक पूर्णिमा को मंदिर परिसर में चौबीस घंटे का अखंड हरि कीर्तन का आयोजन किया जाता है.जहां स्थानीय गांव समेत क्षेत्र के अन्य गांवों की कीर्तन मंडलियां भाग लेती है. जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.मां भवानी मंदिर के समीप उत्तर दिशा में पुराना गढ़ का किला है.जहां दुर्गा पूजा के अवसर पर पूजा समिति के माध्यम से विजयादशमी के दिन रावण का पुतला दहन किया जाता है. मंदिर में आने वाले भक्तों का मनोकामना पूर्ण हो जाती है. ऐसे सैकड़ों भक्तों को मनोकामना पूर्ण होने पर मां के समक्ष विधिवत पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करते हैं. मां भवानी मंदिर तक जाने का रास्ता : डुमरांव से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित केसठ बस पड़ाव से आधा किलोमीटर दक्षिण पूर्व दिशा में नया बाजार ब्लॉक रोड पर स्थित है. मंदिर तक केसठ बस पड़ाव से पैदल जा सकते हैं .वही एनएच सोनवर्षा से 7 किलोमीटर पश्चिम दिशा में स्थित है. सोनवर्षा से ऑटो, जीप, मैजिक समेत अन्य निजी वाहनों से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है