सिमरी थाना कांड संख्या 124 /2020 में नामजद अभियुक्त राहुल कुमार यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, वही अभियुक्त की मां मीना देवी को साक्ष्य छुपाने के जुर्म में दो वर्षों के कारावास की सजा सुनाई गई, उक्त फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय प्रभाकर दत्त मिश्र ने सुनाया. इस आशय की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि घटना 3 मई 2020 की है जहां सिमरी थाना के नगपुर के रहने वाले महेंद्र यादव का 3 वर्षीय पोता नीरज फुचकी घर के बाहर खेल रहा था लेकिन वहीं से गायब हो गया था परिजनों ने उसे पूरे गांव में खोजबीन किया लेकिन कहीं पता नहीं चला वहीं दूसरे दिन उसी गांव के रहने वाले राहुल सिंह यादव ने बच्चे को परिजनों के पास यह कह कर पहुंचाया कि उसे कहीं पड़ा मिला है. बाद में जब डॉक्टर के पास उसे ले जाया गया तो मृत घोषित किया गया था. पुलिस ने अभियुक्त को पकड़ने के लिए खोजी कुत्ता को बुलाया जो मृत बच्चे की लाश को सूंघने के बाद राहुल सिंह यादव के घर में गया जहां से उसके गले का माला एवं फ्रिज से कटी हुई उंगली को बरामद किया गया था. पुलिस ने उक्त मामले में अभियुक्त राहुल सिंह, उसकी मां मीना देवी एवं पिता के खिलाफ नामजद प्राथमिक दर्ज कराई थी. अनुसंधान के क्रम में जांच अधिकारी ने हत्या के कारण नाजायज संबंध को बताया तथा गवाही में न्यायालय को बताया था कि अभियुक्त का मृत बच्चे की मां के साथ नाजायज संबंध था जब अभियुक्त शादी करने लगा तो मृतक की मां उसे शादी करने से मना करने लगी तथा कहती थी कि अगर वह शादी करेगा तो पुलिस को बता देगी की 3 वर्षीय नीरज उसी का बच्चा है तथा डीएनए टेस्ट कराकर जेल पहुंचा देगी. अभियुक्त राहुल अपने को बचाने के लिए खतरनाक सोच के साथ नीरज की हत्या कर डाली थी. सुनवाई के दौरान अभियुक्त पिता की मृत्यु हो गई वहीं राहुल को भारतीय दंड विधान की धारा 364 के तहत 10 वर्ष के कारावास एवं 5 हज़ार का जुर्माना तथा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी गयी, वहीं उसकी मां मीना देवी को साक्ष्य छुपाने के जुर्म में दो वर्ष के कारावास एवं दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी.
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