सूख गये कई तालाब लोगों को पानी की हुई समस्या
प्रखंड के सभी गांव में इन दिनों धन का बिचड़ा डालने के लिए लगातार डीजल पंप सेट एवं इलेक्ट्रिक मोटर चलाया जा रहा है
राजपुर. प्रखंड के सभी गांव में इन दिनों धन का बिचड़ा डालने के लिए लगातार डीजल पंप सेट एवं इलेक्ट्रिक मोटर चलाया जा रहा है. तेज धूप एवं अधिक तापमान की वजह से खेतों का पानी भी तेजी से सुख रहा है.खेत में पहले से नमी नहीं होने से सिंचाई करने में काफी समय लग रहा है. एक बीघा खेत की सिंचाई करने में लगभग दस से बारह घंटे तक लग रहा है. ऐसे में लगातार पानी का खिंचाव होने से भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है. गर्मी व तेज धूप होने से तलाब, पोखरे पहले ही सुख चुके हैं. पिछले एक सप्ताह से लगातार पानी का खिंचाव होने से जल स्तर लगभग 20 फुट नीचे खिसक गया है. अब पानी का अधिक दोहन होने से इसका जल स्तर और नीचे चला जा रहा है.भरखरा गांव के किसान शंकर पांडेय ने बताया कि दस मिसिर तालाब का पानी गर्मी में भी नहीं सूखता है. इस बार मछुआरों ने इस तालाब से मछली मारने के लिए पानी की निकासी कर दिया है.जो पूरी तरह से सुख गया है.खुले आसमान में विचरण करने वाले जानवरों के लिए भी पानी पीने की समस्या हो गई है. राजपुर पश्चिमी क्षेत्र के खीरी, नागपुर,कजरिया, मंगराव ,संगराव ,रामपुर, निकृष, खरगपुरा सहित अन्य गांव में चापाकल धीरे-धीरे जवाब देना शुरू कर दिया है. इन गांवो में मौजूद संरक्षित किए गए कुएं का पानी भी नीचे चला गया है. ग्रामीण त्रिवेणी पासवान , अखिलेश्वर साह, संजय सिंह , ओमप्रकाश सिंह, विनय पांडेय, महेंद्र मौर्य सहित अन्य लोगों ने बताया कि जलवायु में हो रहे परिवर्तन से धरती पर इसका बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. आमजन से लेकर कृषि वैज्ञानिक भी काफी चिंतित हैं. मौसम विभाग ने अपने जारी रिपोर्ट में बताया है कि अभी अगले एक सप्ताह के बाद सामान्य बारिश होने की संभावना है.इस महीने में भी तापमान 44 डिग्री एवं लू चल रहा है. यह आने वाले समय के लिए भयावह स्थिति का संकेत है. अगर अभी पानी को बचाकर नहीं रखेंगे तो आने वाला समय पानी के लिए विकराल समस्या उत्पन्न कर सकता है.
बोले अधिकारी
इन दिनों भूमि का जल स्तर नीचे चला गया है. नल जल योजना से घरों को मिल रहे पानी का सही तरीके से उपयोग करने की जरूरत है.इस समय पानी का दुरुपयोग ना करें. हर व्यक्ति अपने घर के पास सोखता का निर्माण जरूर करें. वर्षा होने पर जल का संचयन करें.जल संचय क्षेत्र को मनरेगा योजना से जीर्णोद्धार भी कराया जाएगा.इसके लिए राजस्व कर्मी गांव-गांव पहुंचकर ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहे है. — डॉ शोभा कुमारी, अंचलाधिकारी ,राजपुर
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