14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फाइल-17- मुआवजे को लेकर लगने वाले कैंप का बहिष्कार करेंगे प्रभावित किसानचौसा एमसी कालेज में प्रशासन द्वारा रेल और वॉटर कॉरिडोर हेतू अधिगृहित जमीन के मुआवजे को लेकर 4 व 5 जुलाई को लगाया जा रहा कैंप

Kisanमुआवजे को लेकर लगने वाले कैंप का बहिष्कार करेंगे प्रभावित किसान

फोटो-17- बैठक करते प्रभावित किसान चौसा. जिला प्रशासन द्वारा प्रखंड मुख्यालय के अखौरीपुर गोला स्थित महर्षि च्यवन कालेज में चार और पांच जुलाई को निर्माणाधीन चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट से प्रभावित किसानों को रेल कॉरीडोर और वाटर पाइप लाइन के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का मुआवजा देने के लिए कैंप लगाने की तैयारी की जा रही है. वहीं दूसरे तरफ इस प्रोजेक्ट से संबंधित अधिकतर किसानों द्वारा मंगलवार को न्यायीपुर चौसा में बैठक कर प्रशासन द्वारा लगाए जाने वाले कैंप का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है. जिसमें प्रभावित क्षेत्र के किसानों के अलावे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश स्तर के नेता भी मौजूद रहे. बैठक में शामिल प्रभावित किसानों ने एक स्वर में कहा कि हम मुआवजा तब तक नही लेंगे जब तक कि किसानों पर किए गए फर्जी केश को वापस नहीं लिया जाता. सरकार के सभी दोषी पुलिस एवं प्रशासन के पदाधिकारी एवं कर्मियों को तत्काल बर्खास्त करते हुए उनके खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाय, बक्सर में भूमि अधिग्रहण में हुई अनियमिततायें (जो CAG की रिपोर्ट में भी दर्ज हैं) की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाय, एवं सभी दोषीयों के खिलाफ कार्रवाई की जाय. R&R पॉलिसी का लाभ सभी प्रभावितों एवं मजदूरों को देते हुए, प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के 11 सूत्री मांग का समाधान नहीं हो जाता. किसान नेता दिनेश सिंह ने कहा कि 4 और 5 जुलाई को जो यहां कैंप लगने वाला है. उसका किसान बहिष्कार करेंगे. कहा की रिज्यूम बदल गया है. पॉलिसी आर & आर जो है उसमें अब अश्विनी चौबे नहीं रहे सुधाकर सिंह हो गए है. जब संसद का सत्र जब चल रहा है इसमें तो कोई बैठक ही नहीं बुलानी चाहिए थी. किसान जब तक जेल में बंद है, दो सौ ढाई सौ अज्ञात किसानों पर एफआईआर है. कैंप में मुआवजा लेने कौन पहुंचेगा कौन. गिरफ्तार सभी किसानों को जिला प्रशासन बिना शर्त रिहाई करे. जो प्रशासन के लोग किसानों के घरों में घूसकर उनके परिवारों को पीटा है. घर के समान को तोड़े है, पहले वैसे अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज हो. किसानों द्वारा एफआइआर दर्ज करने का प्रयास किया गया लेकिन एफआईआर लिया नहीं गया. डीएम और एसपी के खिलाफ एफआईआर के लिए ये जरूरी है कि सरकार का एनओसी होना चाहिए. वह अभी प्रोसेस सरकार ने शुरू किया है. प्रभावित किसानों की बैठक में शामिल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अशोक कुमार ने कहा कि बैठक में हमलोगों ने 21 सदस्यीय एक कमिटी बनाई है. जिनका काम है रेल कॉरीडोर और वॉटर पाइप लाइन भूमि अधिग्रहण संबंधित जितने गांव है, वहां जाकर किसानों से टीम के लोग बात करेंगे. बैठक में जो फैसला लिया गया उसकी जानकारी सभी किसानों को देंगे. सर्व सम्मति से यह फैसला लिया गया कि 4 और 5 जुलाई को जो कैंप लगेगा उसमें नही जाना है. जो कुछ दलाल है वो लोग जायेंगे जो किसानों के नजर में साबित होंगे. जिस तरह से अंग्रेजो के जमाने में अपने बीच के दलाल थे. इस समय भी है लेकिन वो किसानों के नजर में आ जायेंगे. लेकिन 20 मार्च को जो किसानों के साथ अन्याय हुआ है उसका न्याय नहीं मिलेगा, जेल में बंद किसानों को जब तक रिहा नहीं किया जायेगा तब तक जमीन का मुआवाजा कोई किसान न ले इसके लिए सभी को सचेत किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें