16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जिले के लोगों को किया जाएगा जागरूक
वेक्टर जनित बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. जिसको लेकर अब जनसहभागिता बढ़ाते हुए लोगों को इसके संबंध में जागरूक करने की तैयारी की जा रही है
बक्सर. वेक्टर जनित बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. जिसको लेकर अब जनसहभागिता बढ़ाते हुए लोगों को इसके संबंध में जागरूक करने की तैयारी की जा रही है. कुछ इसी उद्देश्य के साथ जिले में इस बार डेंगू से निपटने के लिए लोगों को ग्रामीण स्तर पर जागरूक करने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए जिले में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाने की तैयारी की जा रही है. जिसमें शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में विशेष रणनीति तैयार की गई है. जिसके तहत ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों और किसान गोष्ठियों में लाभुकों और किसानों को डेंगू के लक्षणों की पहचान, जांच, इलाज और बचाव की जानकारी दी जाएगी. इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार जिले में वृहद पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाना है. जिसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस वर्ष 16 मई को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय डेंगू दिवस ””””””””कनेक्ट विथ कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू”””””””” थीम पर मनाया जायेगा. जिसके तहत डेंगू के खिलाफ जंग में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करते हुए जोड़ा जाएगा. इसके लिए सहयोगी विभागों और संस्थानों से पत्राचार किया जा रहा है. ताकि, इस कार्यक्रम को सामुदायिक स्तर पर संचालित किया जा सके. आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में होंगे विभिन्न कार्यक्रम : जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि डेंगू को लेकर 15 जून को विश्व डेंगू दिवस भी मनाया जाता है. इसलिए जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के माध्यम से इस बार राष्ट्रीय डेंगू दिवस से लेकर विश्व डेंगू दिवस पर विभिन्न स्तरों पर डेंगू को लेकर अभियान और गतिविधियां संचालित कराने की अपील की जाएगी. ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग डेंगू को लेकर जागरूक किया जा सके और उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस को लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में डेंगू से बचाव संबंधित जागरूकता के लिए बच्चों के साथ तर्क-वितर्क कर बच्चों का ज्ञान वर्धन कराना और डेंगू के संदर्भ में रंगोली आदी कार्यक्रम कराया जायेगा. वहीं, कृषि विभाग से समन्वय कर किसान गोष्ठियों में किसानों को डेंगू से बचाव के गुर बताए जाएंगे. जिससे ग्रामीण स्तर पर ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी और इससे निपटने के गुर सीख सकेंगे. डेंगू के प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी होना अति आवश्यक : वीबीडीसीओ पंकज कुमार ने बताया कि लोगों को डेंगू और इसके प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी होना अति आवश्यक है. डेंगू साफ पानी में पनपने वाली ऐडिस मच्छर के दिन में ही काटने से होनेवाली एक जानलेवा बिमारी है. जिसमें उच्च बुखार के साथ आंख के पिछले भाग में दर्द, शरीर पर लाल लाल दाने, खूनी स्टूल, खून की उलटी के साथ अन्य लक्षण भी हो सकते है. सही समय पर इलाज कराने से डेंगू बिल्कुल ठीक हो जाती है. उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पताल में डेंगू की जांच निःशुल्क उपलब्ध है. डेंगू से ग्रसित मरीजों में प्लेटलेट की कमी भी पाई जाती है. जिससे लोगों को डरना नहीं चाहिए. उन्हें समय से अपने निकटतम सरकारी अस्पताल में जाकर चिकित्सक के परामर्श से डेंगू की जांच एवं इलाज कराना चाहिए. वहीं, इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को कुछ एहतियात भी बरतनी चाहिए. डेंगू से बचाव हेतु शरीर पर पूरी बदन ढकने वाली कपड़ा पहने, सोते मच्छरदानी का प्रयोग करें, कूलर की पानी नियमित रूप से बदलते रहे, टूटे-फूटे बर्तनों, पुराने टायरों आदि में वर्षा की पानी ना जमा होने दें एवं अपने घरों के आसपास साफ सफाई का ख्याल रखें.
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