एएनएम के हड़ताल से ओपीडी सेवा रहा बंद, वापस लौटे मरीज
प्रखंड के सीएचसी परिसर में संविदा पर कार्यरत एएनएम संघ का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहा
राजपुर . प्रखंड के सीएचसी परिसर में संविदा पर कार्यरत एएनएम संघ का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहा. 54वें दिन संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों ने सुबह 8:00 बजे ही अस्पताल परिसर में पहुंचकर गेट में तालाबंदी पर जमकर नारेबाजी किया. काम करने वाले फार्मासिस्ट,डॉक्टर ,स्वास्थ्य कर्मी पहुंचकर गेट खोलने की मांग कर रहे थे. फिर भी यह अपनी मांगों पर अड़े रहे. इसकी सूचना मिलते ही तत्काल अस्पताल परिसर में पुलिस बल के जवान भी मौजूद हो गए. हालांकि संविदा कर्मियों ने शांतिपूर्ण माहौल में अपना प्रदर्शन जारी रखा. फिर भी किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो जिसको लेकर लगभग दो घंटे तक पुलिस अस्पताल में मुस्तैद रही.धरने पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों की अध्यक्षता कर रही संविदा संघ के अध्यक्ष सरिता कुमारी ने आवाज बुलंद करते हुए कहा कि पिछले डेढ़ महीने से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं. फिर भी सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में फेस अटेंडेंस करना संभव नहीं है. अभी भी नेटवर्क की समस्या बनी हुई है. आने-जाने के लिए साधन नहीं है. अभी भी काम करने के बाद हम सभी को सम्मानजनक वेतन नहीं मिलता है. समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए. किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.पेयजल ,शौचालय एवं बिजली जैसी समस्याओं से जुझना पड़ता है. ग्रामीण क्षेत्र के कई ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जो किसी के दरवाजे पर चलता है. जहां पशुओं का भी जमावड़ा लगा रहता है. जिसको लेकर विभाग को कई बार अवगत कराया गया. फिर भी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जब तक मांगे पूरी नहीं होती है. तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. इस मौके पर जिला जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दीपक कुमार रजक, ओमप्रकाश, एएनएम मुन्नी कुमारी, रंजू कुमारी, सविता कुमारी, रीता कुमारी, सोनू प्रिया, वंदना कुमारी, ऋषिकेश पाठक, राधेश्याम एवं अन्य कर्मी मौजूद रहे.
क्या बोले चिकित्सा प्रभारी
अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है. हड़ताल के वजह से ओपीडी सेवा बंद हो जाने से कई आवश्यक दवाओं का वितरण नहीं हो सका है. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दिया गया है. -डॉ अशोक कुमार,चिकित्सा प्रभारी
क्या बोले मरीज
1.कई दिनों से आ रहे हैं. दवा नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. गांव से लगभग 10 किलोमीटर दूर से चलकर आना काफी मुश्किल है.अब किसी निजी डॉक्टर से दिखाकर दवा लेंगे.सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.– सरिता देवी ,भगवानपुर 2. गरीब आदमी है. मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि बक्सर जैसे शहर में जाकर इलाज कराये.यहां आए थे अस्पताल बंद होने से वापस घर जा रहे हैं. — रामएकबाल प्रजापति ,हेठुआडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है