अक्षय तृतीया पर बक्सर में 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार
अक्षय तृतीया पर जिले भर के बाजारों में रौनक रही. सोना सहित अन्य बहुमूल्य धातुओं की खरीदारी इस दिन शुभ मानी जाती है. आज 12 बजे के बाद खरीदारी का दौर शुरू हुआ तो देर शाम तक चलता रहा
बक्सर. अक्षय तृतीया पर जिले भर के बाजारों में रौनक रही. सोना सहित अन्य बहुमूल्य धातुओं की खरीदारी इस दिन शुभ मानी जाती है. आज 12 बजे के बाद खरीदारी का दौर शुरू हुआ तो देर शाम तक चलता रहा. जेवरात के साथ ही वाशिंग मशीन, फ्रिज, माइक्रोवेव ओवन, पंखे, कूलर, एसी, टेलीविजन व अन्य घरेलू उपकरणों की भी खरीदारी खूब हुई. हालांकि बाजार के जानकारों का कहना है लग्न नहीं रहने के कारण बाजार थोड़ा ढीला रह गया. इसके बावजूद बक्सर जिले में अक्षय तृतीया पर 50 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है. अक्षय तृतीया पर शुक्रवार को सराफा बाजार में चहलपहल रही. सोने के आभूषणों की बिक्री अच्छी हुई. बक्सर जिले में करीब 50 करोड़ रुपये का सर्राफा व इलेक्ट्रॉनिक होम अप्लायेंसेज का कारोबार हुआ. हालांकि व्यापारियों का यह भी कहना है कि वैवाहिक मौसम नहीं रहने से बाजार कुछ नरम रहा. इस साल शुक्र के अस्त रहने से मात्र एक सप्ताह ही वैवाहिक मुहूर्त था. जिससे शादियां की संख्या सीमित रहीं. आल इंडिया ज्वेलर्स एंड जेम्स फेडरेशन के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि बक्सर में 35 से 40 करोड़ रुपये का सराफा कारोबार होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि आभूषणों की खरीदारी कम हुई है लेकिन वैल्यू अधिक हो गया है. वजह यह कि पिछले साल सोना 45-46 हजार रुपए प्रति दस ग्राम था जो अब 70 हजार के पार है. उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित शोरूमों की ओर से सोने के आभूषणों के मेकिंग चार्ज पर 20 प्रतिशत तक जबकि डायमंड आभूषणों के वैल्यू पर भी 20 प्रतिशत तक की छूट दी गई. इसके साथ ही पुराने आभूषणों के एक्सचेंज पर 100 प्रतिशत कीमत देने का आफर था. होम अप्लायेंसेज बाजार के जानकार अनुज कुमार ने कहा कि आठ से दस करोड़ रुपये का कारोबार फ्रिज सहित अन्य घरेलू उपकरणों का हुआ है. एसी का मांग सबसे ज्यादा रही. आज सुबह 10:30 बजे से 12:00 के बीच राहुकाल रहने से खरीदारी नहीं हुई. हालांकि इसके बाद बाजार तेज हो गया. जो लोग जेवरात व होम अप्लायेंसेज नहीं खरीदे वे सात तरह के अनाज, हल्दी की पांच गांठ, धार्मिक पुस्तकें, हल्दी और कमलगट्टे की माला, मोर पंख, कान्हा की बांसुरी , भगवान के लिए वस्त्र आदि की खरीदारी की. कुछ लोग मनी प्लांट भी खरीदे. मनी प्लांट को धन का प्रतीक माना जाता है . श्रद्धालुओं ने चावल, दाल, फल, सब्जी आदि का दान भी किया. पंडित संजय ओझा पराशर ने कहा कि इस दिन दिया गया दान अक्षय फल देता है. इस दौरान भगवान विष्णु और धन कि देवी लक्ष्मीजी की आराधना भी भक्त करते हैं.
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