डुमरांव. प्रखंड की कोरानसराय पंचायत स्थित नावाडिह डेरा के मुख्य सङक के किनारे वर्षों पहले सरकारी चापाकल लगाया गया था. जिसके खराब होने के बाद पुनः दोबारा चापाकल नहीं लगाया गया. इस समस्या को लेकर स्थानीय ग्रामीण विजय प्रताप सिंह, दिनेश गुप्ता, विजय शंकर सिंह, लखन अंसारी, दयाशंकर सिंह नाराजगी जताते हुए बताया कि वर्षों पहले कोरानसराय-अरियांव सड़क स्थित नावाडिह टोला के सड़क किनारे एक सरकारी चापाकल लगाया गया था, जो खराब हो गया था उस वक्त पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से चापाकल बनाने की मांग स्थानीय ग्रामीणों ने की थी. बावजूद चापाकल नहीं बनाया गया और चार साल पहले पीएचईडी विभाग द्वारा बंद पडे़ सरकारी चपाकल को उखाड़ कर ले जाया गया और उस वक्त नावाडीह टोला के जनता को आश्वासन दिया गया की जल्द नया चपाकाल लगाया जाएगा. परंतु आज तक उक्त जगह पर पुनः सरकारी चापाकल नही लगाया गया. जिसके कारण चापाकल के अभाव में नावाडिह टोला सहित अन्य राहगीरों को प्यास बुझाना मुश्किल हो गया है. लोगो को पेयजल की संकट से जुझना पङ रहा है. इस हालत में लोगों को खाना बनाने के लिए किसी दूसरे जगह से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीण विजय प्रताप ने बताया कि इस समस्या को लेकर रविवार को टोला के रामायण यादव, राजनाथ सिंह, कमल सिंह, प्रेमी देवी, सुनीता देवी, नेहा देवी, रीना देवी, आशा देवी ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों के प्रति नाराजगी जतायी और उक्त जगह पर नया सरकारी चापाकल लगाने की मांग की. लोगों ने कहा कि नलजल योजना को नवाडीह गांव में लगाया गया है जो लगभग एक किलोमीटर दूर है जिसके चलते आज तक टोले तक पानी नही पहुंचा. इस संबंध में वार्ड संख्या दो के सदस्य सह अनुरक्षक के प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि पीछले वर्ष टोले में मिनी पानी टंकी लगाने हेतू आवेदन प्रखंड के अधिकारी को दिया गया था और स्थानीय मुखिया से जांच भी मांगा गया था. परंतु अभी कुछ तक कुछ नही हुआ जिसके चलते टोला में रहने वाले सैकड़ों लोगों व राहगीरों को पेयजल की परेशानी वर्षों से झेलनी पड़ रही है.
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