बक्सर
. नगर की स्वच्छता व्यवस्था पिछले तीन दिनों से पूरी तरह चरमरा गई है. जिसके कारण इस त्योहारी मौके पर भी लोगों को कचरों से उठ रही बदबू के बीच गुजरना मतबूरी है. नगर सभी क्षेत्रों में दशहरा के कारण पिछले तीन दिनों से कचरा सडकों पर तथा सड़काें के किनारे ही पडा हुआ है. जबकि नगर परिषद ने सभी पंडालों के आस-पास के साथ ही नगर को बेहतर ढंग से साफ-सफाई को लेकर तैयारी का पूर्व से ही दावा किया जा रहा था. लेकिन ऐसा नहीं दिख रहा है. इस त्योहार के दौरान भी सड़क के किनारे कचरा फैला हुआ है. नगर परिषद की कार्यशैली व तैयारी काफी हवा हवाइ साबित हो रही है. नगर परिषद की सफाई का दावा का सड़क किनारे व सड़क पर फैला कचरा पोल खोल रहा है. इसके साथ ही नगर परिषद की तैयारी को यह कचरा मुंह चिढ़ा रहा है.
वहीं इन्हीं फैले कचरों व बदबू के बीच लोगों ने मां दुर्गे की प्रतिमा का विसर्जन भी करने को मजबूर रहे. वहीं नगर में पिछले तीन दिन से सफाई नहीं होने से नगर में गंदगी का अंबार लग गया है. यह स्थिति मुख्य बाजार व मेन रोड की है. जबकि नगर के अन्य वार्डों व मुहल्लों की गलियों में नजर डालें तो स्थिति काफी दयनीय है. यहां पिछले कई दिनों से नगर परिषद का सफाई लेश मात्र नहीं पहुंचा है. कचरा सडक पर फैल गया है. जिससे पडे अनाज के कडों से एवं गीले कचरे से अब दुर्गंध आने लगी है. वहीं नगर में पिछले तीन दिन से सफाई नहीं होने से नगर में गंदगी का अंबार लग गया है. यह स्थिति मुख्य बाजार व मेन रोड की है. जबकि नगर के अन्य वार्डों व मुहल्लों की गलियों में नजर डालें तो स्थिति काफी दयनीय है.कचरे के निस्तारण नहीं होने से आम जन जीवन के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड सकता है. नगर परिषद से ठीक लगभग 20 गज की दूरी पर बैंक ऑफ इंडिया के पास मुहल्ले के लोगों का कचरा मुख्य सड़क पर ही जमा है. लेकिन नगर परिषद के कर्मी उठाव तक नहीं किया है. नगर परिषद के नाक तले सफाई की यह हाल है तो अन्य जगहों की स्थिति क्या हाेगी.
कमीशन की भेंट चढ़ रही सफाई की राशि : नगर की साफ-सफाई को लेकर प्रतिमाह करीब 82 लाख रूपये खर्च होते है. लेकिन नगर की मुख्य सड़क के अलावे सफाई का लाभ नगर के अन्य लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जिसका लाभ सफाई एजेंसी के साथ ही विभागीय अधिकारियों के कमीशन का भेंट चढ़ रहा है. जिसके कारण मुख्य सड़क के सिवाय अन्य जगहों पर सफाइ व्यवस्था नगर के लोगों को नहीं मिल रही है. प्रतिदिन नगर की सफाई पर लगभग पौने तीन लाख रूपये खर्च होता है. नगर के ज्यादातर वार्डों में सफाई के नाम पर केवल कोरम पुरा किया जाता है. निर्धारित सफाई कर्मी नहीं पहुंचते है. जिनपर खर्च होने वाले रूपये कमीशन का भेंट चढ़ रहे है. सबसे बुरा हाल विस्तारित क्षेत्र की है. जहां सफाई कर्मी संयाेग से पहुंचते है.
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