प्रशांत कुमार राय, बक्सर.
बिजली के बढ़ते बिल से परेशान घरेलू उपभोक्ता अब सोलर पैनल की ओर रुख कर रहे हैं. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जिले में 1050 से अधिक उपभोक्ताओं ने आवेदन किया है. यही वजह है कि अभी तक 20 से अधिक घरों में सोलर पैनल लगा दिया गया है. यह योजना फरवरी 2024 में लागू किया गया था. योजना के तहत आम उपभोक्ताओं को भी रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने पर केंद्र और राज्य सरकार से सब्सिडी मिल रही है. आज के समय में बिजली सबसे बड़ी मूलभूत सुविधा में से एक है. जिले में बिजली की मांग तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन बिजलीघरों की संख्या जस की तस बनी हुई है. साथ ही साधारण परिवारों में एसी का चलन भी पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ गया है. जितना ज्यादा बिजली का उपभोग होता है, बिल भी उतना ही मोटी राशि का आता है.किस किलोवाट पर कितना है अनुदान :
अनुदान प्रति किलोवाट पर है. एक किलोवाट की अनुमानित कीमत 60 से 65 हजार रुपये है. अधिकतम सब्सिडी एक लाख आठ हजार रुपये है.यह है रूफटॉप सोलर सिस्टम :
सोलर पैनल दो तरह के होते हैं. एक ऑफ ग्रिड, जिसमें सोलर सिस्टम के साथ बैटरी लगायी जाती है. उपभोक्ता सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली का उपयोग खुद करता है.दू सरा रूफटॉप, सोलर सिस्टम या ऑन ग्रिड इसमें उपभोक्ता के सोलर पैनल से बनने वाली बिजली ग्रिड को दी जाती है. उपभोक्ता जितनी बिजली ग्रिड को देता है, उतने यूनिट बिजली उसके बिल से कम कर दी जाती है. उपभोक्ता को मिलने वाली सब्सिडी भी एक से डेढ़ माह के अंदर ही आ जाती है. जाने किसे और कितनी सब्सिडी मिलेगी : अगर आप आवासीय छत पर सौर पैनल लगाने का प्लान बना रहे हैं तो आप आप सूर्य घर मुफ्त बिजली योजन के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं. योजना के अंतर्गत आपको एक किलोवॉट के लिए 18 हजार रुपये, दो किलोवाट तक 30 हजार रुपये और तीन किलोवाट के लिए कुल सब्सिडी 78 हजार रुपये मिलेगी. इस बात का ध्यान रखें कि सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए 85 फीसदी से ज्यादा का लोड नहीं होना चाहिए.इस योजना के लाभ लेने के लिए कितने लोगों ने किया है आवेदन :
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जिले के एक हजार 50 उपभोक्ताओं ने आवेदन विभाग के वेबसाइट पर किया है. जांच के उपरांत इस योजना का लाभ एक हजार सात उपभोक्ताओं का आवेदन स्वीकृत कर दिया गया है. लेकिन वित्तीय वर्ष 24-25 में खबर लिखे जाने तक जिले के मात्र 20 से 25 उपभोक्ताओं को ही इसका लाभ मिला है. उपभोक्ताओं को समस्या आवेदन करते समय जो वेंडर का चयन किया गया है. उसमें से तो कई वेंडर ऐसे है जो कि अभी तक न तो उपभोक्ताओं से संपर्क किये हैं न नहीं काम शुरू कर रहे हैं. ऐसे स्थिति में अब विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को उपभोक्ताओं और वेंडर के बीच सम्यक स्थापित करके इस योजना को लक्ष्य पूरा करने का काम किया जा रहा है.इन शर्तों को करना होगा पूरा :
सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी अधिकतम तीन किलोवाट क्षमता तक के सिस्टम पर ही मिलेगी. ऐसे में अगर उपभोक्ता एक किलोवाट का सिस्टम लगवाते हैं तो 30 हजार रुपये, दो किलोवाट का सिस्टम लगवाते हैं तो 60 हजार रुपये और तीन किलोवाट का सिस्टम लगवाते हैं तो 78 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी. योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता को कुछ शर्तें पूरी करनी होती है. सर्वप्रथम उपभोक्ता के पास खुद का मकान होना चाहिए. मकान की छत पर सोलर पैनल लगाने लायक जगह होनी चाहिए. उपभोक्ता के पास बिजली का कनेक्शन होना चाहिए और उपभोक्ता ने सोलर पैनल के लिए इससे पहले कोई और सब्सिडी ना ली हो, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए.किरायेदार भी ले सकते हैं लाभ :
इस योजना के तहत ऐसी किसी भी प्रकार की छत पर सोलर पैनल लगवाया जा सकता है, जिसमें पैनल का वजह सहने की क्षमता हो. बता दें कि किराए पर रहने वाला परिवार भी इस योजना के लिए अप्लाइ कर सकता है, लेकिन कुछ शर्तों का पालन करना होगा. किरायेदार के नाम पर बिजली का कनेक्शन होना चाहिए. नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान हुआ हो और मकान मालिक से घर की छत के इस्तेमाल की लिखित अनुमति हो. घर बदलने की स्थिति में सोलर पैनल को आसानी से हटाया जा सकता है और दूसरी जगह पर फिर से जोड़ा जा सकता है. सोलर पैनल की शिफ्टिंग आसान है. क्या कहते हैं अधिकारीउपभोक्ताओं को जागरूक किया जा रहा है. इस योजना का क्या फायदे हैं, जिन उपभोक्ताओं ने आवेदन किया है. उनसे संपर्क किया जा रहा है. उपभोक्ता को अगर कोई समस्या आ रहा है, तो विभाग में आकर संपर्क कर सकते हैं.शशिकांत कुमार, कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग
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