बक्सर.
मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत तालाब और जल सरोवर का जीर्णोद्धार बक्सर शहर में केवल कागजों पर है. शहर के बसाव मठिया के ठीक सामने राम जानकी सरोवर व सोहनी पट्टी तालाब पर तकरीबन 26 लाख रुपये खर्च कर उसका सौंदर्यीकरण कराया गया. मगर सौंदर्यीकरण के नाम पर केवल लूटखसोट किया गया है. बसाव मठिया के सामने राम जानकी सरोवर सूख गया है. हां थोड़ा गाद भरा गंदा नाले का पानी जरूर है. इसके चारो तरफ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है. सरोवर के अगल-बगल झाड़ झंखार है. जबकि इसी रास्ते से हर रोज जिले के प्रशासनिक अधिकारियों का आवागमन अपने-अपने कार्यालयों में होता है. यह अलग बात है कि उन्हें बदहाल सरोवर दिखाई नहीं देता है. जबकि तकरीबन 13 लाख रुपये की लागत से सोहनी पट्टी तालाब में भी शहर के नाली का गंदी पानी जमा है. तालाब में पानी नहीं होने की वजह से पशु-पक्षियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. जिला प्रशासन अपने स्तर से निर्देशों के बावजूद अभी तक नगर परिषद् की ओर से इनमें पानी भरवाने की कवायद शुरू नहीं की जा सकी है. लोगों का कहना है कि इस समय पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन अधिकारी अनदेखी किए हैं. जबकि जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए जल संचयन पर सूबे के मुखिया नीतीश कुमार का विशेष ध्यान है. जिले के सोनीपट्टी तालाब पर सरकारी स्तर पर 13 लाख 29 हजार 466 रुपये की राशि खर्च की गयी है. मगर जल संचयन नहीं होने के कारण यह तालाब भी बेकार हो गया है. सोहनी पट्टी तालाब में दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा, छठ पूजा जैसे महान पर्व पर जिला प्रशासन के द्वारा गंगा नदी में प्रतिमा का विसर्जन पर सरकार के द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है, तब से जिला प्रशासन के द्वारा सोहनी पट्टी तालाब में विसर्जन कराया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है