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Buxar News: 84 कट्ठा जमीन के विवाद में हुई थी प्रोपर्टी डीलर की हत्या

Buxar News: प्रॉपर्टी डीलर हृदया यादव हत्या कांड की गुत्थी सुलझ गयी है. हत्या के तकरीबन डेढ़ माह बाद गुरुवार को पुलिस द्वारा इस कांड के रहस्य से पर्दा उठाने का दावा किया गया

बक्सर

. प्रॉपर्टी डीलर हृदया यादव हत्या कांड की गुत्थी सुलझ गयी है. हत्या के तकरीबन डेढ़ माह बाद गुरुवार को पुलिस द्वारा इस कांड के रहस्य से पर्दा उठाने का दावा किया गया. उसकी हत्या इटाढ़ी रोड स्थित 84 कट्ठा जमीन के विवाद में हुई थी. जिसमें मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के पांडेयपट्टी निवासी विशाल तिवारी के शामिल होने की बात उजागर हुई है.

डेढ़ माह बाद हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का पुलिस ने किया दावा

इस मामले में विशाल तिवारी व उसके सहयोगी राजन ओझा को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. दोनों आरोपितों को गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. पुलिस कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर हत्याकांड का खुलासा पुलिस कप्तान शुभम आर्य ने किया. उनका दावा था कि हत्या का कारण तकरीबन 12 करोड़ की कीमत की 84 कट्ठा जमीन है. उस जमीन को लेकर विशाल तिवारी व हृदया यादव के बीच वर्षों से विवाद चल रहा था. जिसको लेकर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है. इस मामले की शिकायत पुलिस से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी व अन्य कार्यालयों में भी की गयी थी. ऐेसे में विवाद सुलझते न देख विशाल तिवारी ने हृदया को अपने रास्ते से हटाने का साजिश रचा. उन्होंने बताया कि उक्त जमीन विशाल के परिवार से संबंधित है. जिसे उसके पट्टिदारों द्वारा द्वारा हृदया यादव के नाम रजिस्ट्री कर दी गयी थी.

पूछताछ में संलिप्त अन्य के नाम भी हुए हैं उजागर

एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों द्वारा अन्य लोगों के नाम भी उजागर किया गया है. जिनके बारे में छानबीन की जा रही है और उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि हत्या के समय राजन ओझा के मोबाइल का लोकेशन घटना स्थल के नजदीक मिला है. वही राजन ने विशाल को बाइक से लेजाकर गोलंबर पर छोड़ा था. इसके बाद वे झारखंड चले गए थे. इस बीच विशाल एक बार बक्सर भी आया था और फिर झारखंड चला गया था. इसके बाद विशाल व राजन की गिरफ्तारी बक्सर स्टेशन के पास से की गई है. हालांकि आरोपितों के परिजनों की माने तो उनकी गिरफ्तारी झारखंड से ही हुई है. इस कांड के उद्भेदन के लिए एसपी द्वारा सदर एसडीपीओ धीरज कुमार के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित की गयी थी. जिसमें टाउन थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, डीआइयू प्रभारी सुधीर कुमार व डीआईयू के यूसुफ अंसारी आदि शामिल थे.

गिरफ्तारी को लेकर उठ रहे पुलिस पर सवाल

जानकारों की माने तो इस मामले में शूटर की गिरफ्तारी न होना व हत्या में प्रयुक्त हथियार वगैरह की बरामदगी न होना पुलिसिया कार्रवाई पर सवालिया निशान है. गिरफ्तारी स्थल को लेकर भी भ्रम की स्थिति है. ऐसे में इस पहेली को सुलझाना पुलिस के लिए जरुरी है. प्रापर्टी डीलर हृदय नारायण यादव की हत्या 18 दिसंबर 2024 को हुई थी. स्टेशन के नजदीक कवलदह पोखरा के पास मुख्य सड़क पर बाइक सवार अपराधियों ने सरेशाम उसे गोली मारी थी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी थी. हृदया यादव इटाढ़ी थाना क्षेत्र के करंजुआ निवासी हरिनारायण यादव का पुत्र था. वह काफी दिनों से शहर के मुसाफिरगंज में घर बनाकर सपरिवार रहता था और जमीन खरीद-फरोख्त का धंधा करता था.

गुत्थी सुलझाने में खुद उलझ गयी थी पुलिस

हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को कई तरह की पेचदगियों से गुजरना पड़ रहा था. जिससे इस कांड की पहेली सुलझाने में पुलिस खुद ही उलझी हुई थी. इस कांड से पर्दा उठाने के लिए पुलिस हृदया के व्यवसायिक पार्टनरों व परिजनों के अलावा पैसे की लेनदेन करने वाले कई लोगों से पूछताछ की थी. इसके अलावा उसके साथ नाजायज संबंध में रहने वाली एक महिला का पता चलने के बाद उससे भी पूछताछ की गयी थी. वही जेल में बंद एक कुख्यात द्वारा रंगदारी को लेकर भी रंजिश की बात सामने आई थी. सभी के बयान परस्पर विरोधाभासी होने के चलते पुलिस को किसी ठोस नतीजा पर पहुंचना मुश्किल हो गया था. लेकिन आखिर में वैज्ञानिक अनुसंधान व साक्ष्य के आधार पर कांड को सुलझाने में कामयाबी मिल गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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