बक्सर. कोरोना के खौफ से ट्रेनों व बसों में यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. रेलवे में आरक्षण भी कम हो गये हैं, जबकि रोडवेज को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पहले से कराये गये आरक्षण को भी लोग रद्द करा रहे हैं, जिससे रोजाना रेलवे को भारी रकम लौटानी पड़ रही है. बक्सर रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र को बीते कुछ दिनों से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बताया जाता है कि बीते चार दिन में करीब सात लाख का रिफंड यात्रियों को किया गया है. इसमें दो दिनों में सबसे अधिक रकम रेलवे ने यात्रियों को रिफंड किया है. चार दिन में कुल छह लाख 76 हजार रुपये के आरक्षित टिकट रद्द किये गये. बताया गया कि ये सब टिकट लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों ने रद्द कराये हैं. वहीं, बक्सर स्टैड में भी कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या बीते दिनों के मुकाबले आधी रह गई है. अब यह लगभग आधी रह गई है. वहीं लोग कोरोना वायरस को लेकर यात्रियों को सचेत किया जा रहा है.
प्रतिदिन करीब डेढ़ सौ टिकटे हो रही रद्द
कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में हाइअलर्ट है. वहीं कोरोना को लेकर यात्रियों में भी काफी दहशत देखा जा रहा है. होली के पर्व में घर आये परदेशी कोरोना को लेकर दहशत में है, जहां कोरोना को लेकर कमाने जाने वाले यात्री अपना टिकट रद्द करा रहे हैं. प्रतिदिन करीब डेढ़ सौ रेलवे टिकट यात्री रद्द करा रहे है. जिससे रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है. रेलवे प्रतिदिन कैंसिल टिकट कराने वाले यात्रियों को करीब डेढ़ से दो लाख रुपये लौट रही है. वहीं दो दिनों में सबसे अधिक टिकट रद्द कराया गया है. रेलवे अधिकारियों की मानें तो कोरोना की वजह से अधिक यात्री टिकट कैंसिल करा रहे है. जबकि हर साल होली के बाद टिकट के लिए स्टेशन पर मारा-मारी रहती थी. लेकिन कोरोना की वजह से रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है.
मास्क और हैंड सेनीटाइजर की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई का निर्देश
बक्सर में कोरोना वायरस को लेकर मास्क और हैंड सेनीटाइजर की कमी बाजारों में न हो, इसके लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. बक्सर शहर में मास्क और हैंड सेनीटाइजर की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों की खैर नहीं है. वैसे दुकानदार जो इन वस्तुओं की वास्तविक कीमत से अधिक राशि बेचते हुए या कालाबाजारी करते हुए पकड़े जायेंगे तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी. यह आदेश सदर एसडीओ केके उपाध्याय ने जारी किया है.जारी आदेश में कहा गया है कि मास्क और हैंड सेनीटाइजर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अधीन आता है. इसलिए इसकी कालाबाजारी करने वाले दुकानदार और दवा विक्रेता स्टॉकिस्ट व्यय मार्केटिंग करते हुए पकड़े जायेंगे तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी. एसडीओ ने आम लोगों से अपील की है कि यदि कोई दुकानदार मास्क और सेनीटाइजर को निर्धारित मूल्य से ज्यादा मूल्य पर बेच रहा है तो इसकी तत्काल सूचना प्रशासन को उपलब्ध करायी जाये.