पराली जलाने के मामले में चिह्नित किये गये 1073 किसान, 119 किसानों का रजिस्ट्रेशन
जिले में कृषि विभाग सेटेलाइट के माध्यम में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर नजर रख रहा है. जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग की ओर से किसानों को खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है.
बक्सर.
जिले में कृषि विभाग सेटेलाइट के माध्यम में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर नजर रख रहा है. जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग की ओर से किसानों को खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है. सहायक निदेशक शष्य प्रक्षेत्र शेखर किशोर ने बताया कि खेतों में फसल अवशेष जलाने पर पकड़े जाने पर किसानों को तीन साल तक विभाग द्वारा संचालित किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. साथ ही पंजीकरण रद्द करते हुए प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि डीएम के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार के माध्यम से किसानों को गेहूं कटनी के बाद खेत में फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया गया है. जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों में आयोजित कृषि मेले में भी विभागीय अधिकारियों द्वारा किसानों को फसल की कटनी के बाद खेत में अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया गया. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद किसान जिला व विभागीय निर्देश का उल्लंघन करते हुए रबी फसल की कटनी के बाद अवशेष जलाया तो कार्रवाई की जा रही है.फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण पर खतरा :
सहायक निदेशक शष्य प्रक्षेत्र ने बताया कि रबी तथा खरीफ फसल की कटनी के बाद उसके अवशेष को जलाने से मनुष्य, मवेशी, मिट्टी और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. फसल के लाभ पहुंचाने वाले कीटाणु फसल अवशेष जलाने पर नष्ट हो जाते है. जिससे ऊपज पर असर पड़ता है. कई ऐसे जीव है जो खेती के लिए लाभकारी होते है. फसल अवशेष जलाने से ग्रीन हाउस गैस निकलती है. जिससे धरती का तापमान बढ़ता है. रवि फसल में फसल अवशेष जलाने के खिलाफ में विभाग ने 1073 किसानों के किया है जिसमें 873 का जांच किया तो पाया गया कि 81 किसानों का खेत बिजली या अन्य कारण से जला है जो कि आपदा के तहत है और 119 किसानों का निबंधन तीन वर्ष के लिए बंद किया है.प्रखंड अवशेष जलाने की घटना निबंधन बंदबक्सर 65 6चौसा 56 0राजपुर 510 25इटाढ़ी 192 80डुमरांव 193 6सिमरी 4 0चक्की 2 0ब्रहमपुर 112 0चौगाई 21 0केसठ 7 0नावानगर 66 2
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