बक्सर. जिले में जमाबंदी का आधार सीडिंग संबंधी कार्य बेहद असंतोषजनक है. अंचलाधिकारी द्वारा प्रगति लाने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास नहीं किये जाने के कारण अपेक्षित प्रगति नहीं है. जिसे गंभीरता से लेते हुए अपर समाहर्ता कुमारी अनुपमा सिंह ने अंचल चौगाई, बक्सर, डुमरांव, सिमरी व केसठ का प्रगति जिला के अन्य अंचलों के अपेक्षा सबसे कम पाये जाने पर अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण के साथ-साथ न्यूनतम प्रगति वाले राजस्व कर्मचारियों से भी जवाब तलब की है. मंगलवार को अपर समाहर्ता कुमारी अनुपमा सिंह की अध्यक्षता में राजस्व संबंधी कार्यों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं से संबंधित बैठक कार्यालय कक्ष में की गयी. जिसमें अपर समाहर्ता द्वारा सभी अंचलाधिकारी के लिए विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रगति, दाखिल-खारिज (विशेष रूप से अंचल स्तर पर 63 एवं 21 दिनों से ज्यादा लंबित मामलें), आधार सीडिंग (रैयत का जमाबंदी, आधार नंबर के साथ जोड़ना), परिमार्जन (रैयत के जमाबंदी में किसी प्रकार का संशोधन कार्य), अभियान बसेरा-2 (सुयोग्य श्रेणी के भूमिहीन व्यक्तियों के लिए वीपीपीएचटी व बिहार सरकार की भूमि उपलब्ध कराना), भू-लगान की वसूली, आरटीपीएस एवं लोक शिकायत निवारण के तहत लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन एवं 319A मोहनियां-रामगढ-चौसा-बक्सर से संबंधित योजनाओं की समीक्षा विस्तार से किया गया. इस मौके पर अभियान बसेरा-2 के तहत सर्वेक्षित परिवार तथा पर्चा वितरण हेतु पात्र परिवार के बीच अन्तर होने को देखते हुए अंचलाधिकारी बक्सर, राजपुर, केसठ, सिमरी, चौगाई एवं चक्की आदि को पुनः इसका समीक्षा करने का निर्देश देते हुए दोषी राजस्व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया. दाखिल-खारिज संबंधी मामलें में 63 दिनों से ज्यादा तथा 21 दिनों से ज्यादा लंबित सभी मामलें का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर करने का निर्देश दिया गया.भू-लगान की वसूली वितीय वर्ष 2023-24 में केवल 19.29 प्रतिशत हुआ है. जो लक्ष्य के अनुरूप काफी कम है. अंचलाधिकारियों द्वारा लगान वसूली हेतु अपने स्तर से पूरे वित्तीय वर्ष में किसी प्रकार का गंभीर प्रयास अथवा कार्य योजना तैयार नहीं की गयी, जो खेदजनक है. पंचायतवार/मौजा बडे़ बकायेदारों की सूची तैयार कर वसूली करने एवं कैम्प लगाकर लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया. वही आरटीपीएस एवं लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश का अनुपालन काफी संख्या में लंबित है. आरटीपीएस संबंधी मामलें का लंबित होना दर्शाता है कि अंचलाधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन के सापेक्ष निष्पादित की जा रही आवेदन की समीक्षा नहीं की जाती है. यह मामला गंभीर है. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु निर्गत आदेश का अनुपालन अंचल स्तर पर ससमय नहीं किया जा रहा है.जो खेदजनक है. जिसे देखते हुए सभी अंचलाधिकारी को निर्देश दिया गया कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पारित अतिक्रमण हटाने हेतु आदेश के अनुरूप पंजी संधारित कर नियमानुकूल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. वही 319A मोहनियां-रामगढ-चौसा-बक्सर के संबंध में अंचलाधिकारी चौसा को निर्देशित किया गया कि संबंधित रैयतों से सम्पर्क स्थापित कर लगान रसीद एवं अन्य आवश्यक कागजात भू-अर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. भू-अर्जन पदाधिकारी बक्सर को निर्देशित किया गया कि अंचलाधिकारी चौसा से सभी कागजात प्राप्त कर अग्रेतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे.
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