23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पर्यावरण बचाने का संदेश दे रहे है संजय

उत्तम खेती मध्यम बान, नीच चाकरी भीख निदान इस पुरानी कहावत और हरियाली ही खुशहाली है

फोटो-6- बागवानी में खडे किसान संजय केसठ. उत्तम खेती मध्यम बान, नीच चाकरी भीख निदान इस पुरानी कहावत और हरियाली ही खुशहाली है ,और वन ही जीवन है.इन स्लोगन को 47 वर्षीय संजय ने बखूबी समझ लिया है. तभी तो वे हरियाली से खुद को खुशहाली और वन से लोगों को जीवन देने का भगीरथ प्रयास कर रहे हैं. जी हां! हम बात कर रहे हैं प्रखंड के केसठ गांव के किसान संजय उपाध्याय की. संजय ने अब तक पांच सौ से अधिक पौधे सड़क किनारे, नहर किनारे व अन्य सार्वनिक जगहों के अलावे के निजी जगहों पर लगा चुके है. अपने निजी जमीन पर लगभग एक बीघे में सैकडों पौधारोपण किये है. इसमें आम, नींबु, अमरूद, आंवला समेत अन्य कीमती पेड़ सागवान, महोगनी शामिल है. उनका कहना है कि पेड़ों को काटने से प्रकृति में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. यदि समय रहते हम सभी सतर्क नहीं हुए तो इसका परिणाम बुरा हो सकता है. संजय ने खेती के साथ-साथ खाली पड़ी जमीन को चारों से घेराबंदी कर सब्जी की खेती से शुरूआत की. इसके साथ ही दूसरे के जीवन देने के साथ-साथ पौधारोपण करने लगे. तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा और पौधारोपण लगातार करते गये. उन्होंने आमलोगों से भी खाली जमीन पर एक पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा करने को संदेश देते हैं. इस प्रकार अपने बागवानी में सैकड़ों फलदार पेड़ लगा चुके हैं. बागीचे में ओल भी लगाया गया है. उनका कहना है कि आने वाले पांच से दस साल में आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. उनके जीवन की गाड़ी किसानी और बागवानी पर ही चल रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बढ़ रहे प्रदुषण को लेकर नहर व सड़क किनारे पीपल, बरगद, नीम समेत अन्य कई प्रकार के पौधे को लगाया है. उन्होंने बताया कि बरसात से पूर्व लगभग पांच सौ से अधिक पौधे लगाने की योजना है. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें