Buxar News : बच्चों से गुलजार रहनेवाले आंगन से निकल रहा चीत्कार
Buxar News: रविवार को मिट्टी के मलबे के नीचे दबने से एक साथ चार दलित बच्चियों की मौत से राजपुर थाने के सरेंजा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है
बक्सर
. रविवार को मिट्टी के मलबे के नीचे दबने से एक साथ चार दलित बच्चियों की मौत से राजपुर थाने के सरेंजा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है. वहीं, पीड़ित परिवार के घर से निकल रही महिलाओं के चित्कार से हर किसी का दिल दहल जा रहा था. ढाढ़स बंधाने में जुटीं पास-पड़ोस की महिलाओं के गले से भी आवाज नहीं निकल पा रही थी और आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे. हर जुबान पर बस एक ही चर्चा थी कि यह कैसी विधि की विडंबना है कि पल भर में एक साथ तीन घर उजड़ गये. कुछ समय पहले जो आंगन बच्चों के चहकने से गुलजार था, वही अब परिजनों के विलाप से गम में डूबा है.नानी के घर आयी थी शिवानी
इस हादसे में जान गंवाने वाली राजपुर थाने के बुढ़ाडीह निवासी रमेश राम की इकलौती पुत्री शिवानी कुमारी अपने ननिहाल सरेंजा गांव स्थित लालधारी राम के घर आयी हुई थी. वह कुछ दिनों से अपने नाना लालधारी राम के घर रह रही थी और पड़ोस के बच्चों के साथ घुल-मिल गयी थी. वह उन्हीं बच्चों के साथ रहती और खेलती थी. ऐसे में पड़ोस की बच्चियों के साथ वह भी मिट्टी लाने चली गयी थी. बच्ची की मौत की सूचना के बाद रोते-बिलखते शिवानी के माता-पिता भी वहां पहुंच गये थे और अपनी इकलौती बेटी की मौत पर आंसू बहा रहे थे. उधर, नाना लालधारी राम इकलौती नतिनी की मौत से सदमे में थे. दो बेटियों की मौत से सुध-बुध खो चुके हैं श्याम नारायण : एक साथ दो-दो बेटियों को खोने के बाद सलोनी व ललिता की मां तथा श्याम नारायण राम की पत्नी का रो-रोकर हाल बेहाल था. अपने झोंपड़ीनुमा घर के आगे बैठी बदहवास राेये जा रही थी और पास-पड़ोस की महिलाएं रुंधे गले से ढाढ़स बंधा रही थीं. बीच-बीच में वह बेहोश भी हो जा रही थी, जिसे महिलाएं होश में लाने में जुट जाती थीं. वहीं, पिता श्याम नारायण राम के मुंह से आवाज नहीं निकल पा रही थी. दो लाडली बेटियों के खोने टूट चुके है श्याम नारायण राम
अपनी दो लाडली बेटियों के खोने से वे पूरी तरह टूट चुके हैं. दूसरी ओर टिंकू राम के घर के बाहर संजू की मां व दादी विलाप कर रही थीं. कुछ महिलाएं उन्हें घेरकर चुप करा रही थीं, लेकिन उनकी आंखों से आंसू रुक नहीं पा रहा था. बगल में बैठे परिवार के पुरुष सदस्य भी सिर पकड़ बैठे हुए थे. महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन ने बच्चियों की मौत पर जताया संवेदना : बक्सर. महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राज कुमार ने चौसा के सरेंजा में मिट्टी की खुदाई करते समय चार बच्चियों के दब कर मृत्यु हो जाने की घटना को गहरा शोक व्यक्त किया है. फाउंडेशन के शाहाबाद प्रभारी रविराज ने कहा कि इसे लेकर संगठन काफी दुखी है और शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है. इसके लिए संगठन के राष्ट्रीय संयोजक भी बहुत परिजनों से मिलकर उनकी यथा शक्ति सहायता करेंगे. उन्होंने प्रशासन परिजनों के लिए जल्द जल्द मुआवजा देने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है