फाइल- 9- चक्रवाती आंधी से ध्वस्त हुआ शेडनेट व पाली हाउसलाखों रुपए का सब्जी हुआ नुकसान,बिजली आपूर्ति रहा बाधिततेज हवा से आम का हुआ नुकसान
चक्रवाती आंधी से ध्वस्त हुआ शेडनेट एवं पाली हाउस
21 मई- फोटो -7- आंधी में गिरा शेडनेट हाउस राजपुर. प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र में मंगलवार की सुबह अचानक मौसम बदलने से चक्रवातीय आंधी के साथ हुई वर्षा से सब्जी व आम फलों को काफी नुकसान हुआ है. तेज आंधी में कोनौली के प्रगतिशील किसान अंकित कुमार सिंह के कृषि फार्म हाउस पर लगा शेडनेट व पाली हाउस ध्वस्त होकर नीचे गिर गया है. किसान अंकित सिंह ने बताया कि इस हाउस को बनाने में लगभग 60 लख रुपये खर्च हुआ था. ध्वस्त हो जाने से लगभग 30 लाख रुपए से अधिक की क्षति हुई है. इसके अंदर खीरा, गोभी एवं अन्य प्रकार के फसलों को लगाया गया है. इसकी भी क्षति हुई है. जिसकी सूचना उद्यान विभाग के वरीय पदाधिकारी को दी गई है. फिलहाल फसल को बचाने के लिए मजदूरों के साथ राहत का कार्य जारी किया गया है. मॉनसून पूर्व हुई पहली बारिश से किसानों को राहत मिली है. तापमान में आई गिरावट से जनजीवन पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं रहा. तेज आंधी से सब्जी के फसलों पर लगे अधिकतर फूल गिर गये हैं. जिससे फसलों की पैदावार कम होने की उम्मीद हो गयी हैं. आम के पेड़ों पर लगा अधिकतर आम का फल भी गिर गया हैं. इस संबंध में क्षेत्र के संगरॉव के किसान रिंकू सिंह, विनय पांडेय, मंगराव के किसान विमल राय, जीबोधन राय, देवढ़ियां के किसान दयानंद सिंह ने बताया कि इस बार पहले से ही प्राकृतिक प्रकोप की मार झेल रहे किसानों का अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा हैं. तेज धूप व लू से सब्जी व फसलों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. आम के फलों में समय के अनुरूप वृद्धि नहीं होने से किसान काफी मायूस है. सब्जी का उत्पादन कम होने से अधिक आर्थिक क्षति उठाना पड़ा है. फिलहाल आंधी से छोटे किसानों को काफी नुकसान हुआ हैं. तेज आंधी के कारण क्षेत्र के ईंटवा, नागपुर, गैधरा, मंगरॉव, राजपुर सहित अन्य दर्जनों जगहों पर झोपड़ी व एस्बेस्टस का घर उजड़कर हवा में उड़ने लगा. कई जगहों पर बकरी व गाय को हल्की चोटें भी आयी है. हवा से पेड़ टूटकर रास्ते को भी अवरूद्ध कर दिया. जगह-जगह धारा प्रवाहित तार टूटने से क्षेत्र के खीरी, हंकारपुर, देवढ़ियां सहित अन्य गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित रहा. बिजली नहीं रहने से पेयजल की समस्या बनी रही. इन दिनों लगातार भू जलस्तर नीचे हो जाने से घरों में लगा चापाकल बंद हो गया है. नल जल के सहारे घरों तक पानी की सप्लाई हो रही है. ऐसे में लोग काफी परेशान रहे.
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