Buxar News : देखरेख के आभाव में शहीद पार्क बदहाल
नववर्ष पर स्थानीय लोग शहीद पार्क में घुमने पहुंचते है. लेकिन पार्क में उगे घासफूंस व नप द्वारा लगाए सेल्फी प्वाइंट जर्जर होने से बदहाल स्थिति बनी हुई है
डुमरांव
. नववर्ष पर स्थानीय लोग शहीद पार्क में घुमने पहुंचते है. लेकिन पार्क में उगे घासफूंस व नप द्वारा लगाए सेल्फी प्वाइंट जर्जर होने से बदहाल स्थिति बनी हुई है. नप की माने तो शहीद पार्क वन विभाग अंतर्गत है.कर्मी ने बताया कि पार्क वन विभाग में नहीं आतावहीं स्थानीय महेंद्र राम, मनोज कुमार ने कहा कि वन विभाग बक्सर के कर्मी से बात हुआ तो बताया कि पार्क वन विभाग अंतर्गत नहीं है. बता दें कि हर साल 16 अगस्त को शहीद दिवस पर नप लाखों खर्च करता है. लेकिन रख रखाव व देखरेख की बात आती है तो वन विभाग पर फेंक पल्ला झाड लेते है. देखरेख के अभाव में पार्क बदहाली पर आंसू बहा रहा है. बताते चले कि शहीदों के सम्मान में शहीद स्मारक के समीप शहीद पार्क बनाया गया. जिसमें 16 अगस्त 1942 को शहीद अब शहीद पार्क पहले पुराना थाना के सामने चार लोगों ने अपने सीने पर गोली खाकर देष के लिए शहीद हो गए. समिति के लंबे संघर्ष के बाद शहीदों के याद में शहीद पार्क व उसमें चार शहीदों की आदमकद प्रतिमा लगाया गया. पार्क का उदघाटन सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने हरियाणा फार्म के एक कार्यक्रम में रिमोट केे माध्यम से किया था. उसके बाद अभी तक उदघाटन का शिलान्यास पट नहीं लगा. शहीद पार्क की देख-रेख कौन करेगा, यह आज भी सवाल खड़ा है. शहीद दिवस पर नप ने लाखों खर्च करा टूटे लाइट की जगह नये लाइट जरूर लगाए. लेकिन कभी कभार जलता है. पार्क की बागवानी भगवान भरोसे है. क्योकि जो माली करता था, उसको लंबे समय से मजदूरी नहीं मिलता था. शहीद दिवस का राजकीय समारोह का दर्जा प्राप्त है. लेकिन पार्क बदहाल पड़ा है. पार्क में जीम के लिए कई सामग्री लगे हुए है. 12 जनवरी को पार्क से जूड़े समिति के लोगों ने दो दिन पहले बैठक कर एसडीओ, नप इओ से बदहाली की जानकारी जरूरी दी. संयोजक संजय चंद्रवंशी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहां कि भले लंबे संघर्ष के बाद शहीदों के सम्मान में शहीद पार्क का निर्माण हो गया. लेकिन देख-रेख को लेकर जिला, अनुमंडल व नप प्रशासन उदासीन है. इस बाबत एसडीओ राकेश कुमार ने समिति के सदस्यों को आश्वस्त किया कि पार्क की साफ-सफाई सहित अन्य बिंदुओं को देखते है.
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