बक्सर
. 14 दिसंबर से लेकर 25 दिसंबर तक सोन नहर की 36000 वर्गफीट जमीन पर अवैध कब्जा किए लोगों को केवल खानापूर्ति के लिए हटाया गया. कुल 243 जगहों पर बल पूवर्क कब्जा किए लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों ने हटाने के लिए नोटिस भी दिया.सोन नहर की कुल 243 जगहों पर जमीन पर चिह्नत किया गया
मगर नए साल में उन सभी जगहों पर फिर दोबारा अवैध कब्जा कर दुकानें लगायी जा रही है. जिस कारण हर माह लाखों रुपये की राजस्व की क्षति सरकार को पहुंच रहा है. गौरतलब है कि सोन नहर की कुल 243 जगहों पर जमीन पर चिह्नत किया गया था, जहां लोगों ने अवैध तरीके से उसे अपने कब्जे में कर रखा है. वैसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया गया. अतिक्रमण हटाया भी गया. मगर कुछ दिनों बाद फिर अतिक्रमणकारियों ने उन जगहों पर अवैध कब्जा कर लिया. इसके बाद जिला प्रशासन मौन है. 36,000 वर्गफीट भूखंड पर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा कर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित किया जा रहा है. शहर के ज्योति चौक से लेकर सिंडिकेट तक सड़क किनारे लोगों ने अवैध कब्जा कर बालू, गिट्टी, छड, सरिया, होटल, से लेकर अन्य व्यवसायिक दुकानें खोल रखा है. सदर सीओ प्रशांत शांडिल्य ने सदर अनुमंडलाधिकारी को पत्रांक – 4172 दिनांक 27 दिसम्बर को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि उपर्युक्त विषय के संबंध में सादर सूचित करना है कि भवदीय आदेश के आलोक में 14 दिसंबर को ज्योति चौक से बस स्टेंड तक सोन नहर अवर प्रमंडल की अतिक्रमित भूमि पर से अतिक्रमण हटाकर चिन्हित कर दिया गया है. भवदीय से अनुरोध है कि अतिक्रमण मुक्त किये गये उक्त भूमि पर घेराबंदी के लिए अपने स्तर से कार्यपालक अभियंता सोन नहर प्रमंडल बक्सर व कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद् बक्सर को निर्देश देने की कृपा की जाये. लेकिन अभी तक न तो सोन नहर विभाग और न ही नगर परिषद् के द्वारा घेरा बंदी किया गया. वही सोन नहर के अधिकारियों को माने तो अभी तक सीओ के द्वारा संपूर्ण रूप से अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया है. न ही अतिक्रमण मुक्त का कोई साक्ष्य विभाग को प्राप्त हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है