कहीं प्याऊ पर मटके नहीं, तो कहीं मटके में पानी नहीं
नगर में गर्मी को देखते हुए नगर परिषद के माध्यम से चौक-चौराहों पर प्याऊ लगवाया गया है, जो खुद ही प्यासा है. लोगों की प्यास को मिटाने की बजाय अपनी प्यास को मिटाने में ही अक्षम साबित हो रहा है. प्याऊ खुद ही प्यासा बना हुआ है. जिसके कारण लोगों का गला इस भीषण गर्मी में तर नहीं कर पा रहा है.
बक्सर. नगर में गर्मी को देखते हुए नगर परिषद के माध्यम से चौक-चौराहों पर प्याऊ लगवाया गया है, जो खुद ही प्यासा है. लोगों की प्यास को मिटाने की बजाय अपनी प्यास को मिटाने में ही अक्षम साबित हो रहा है. प्याऊ खुद ही प्यासा बना हुआ है. जिसके कारण लोगों का गला इस भीषण गर्मी में तर नहीं कर पा रहा है. एक तरफ प्याऊ नगर के लोगों की प्यास बुझाने को लेकर नगर परिषद से लगा दिया गया है लेकिन उसमें पानी नहीं होने से वह खुद ही प्यासा बन गया है. मटके का हलक ही सुख गया है. जिसके कारण उसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. लोगों को अपनी प्यास को मिटाने के लिए भटकना पड़ रहा है. वहीं नगर के बिजली विभाग के गेट, वीर कुंंवर सिंह चौक, ज्योति प्रकश चौक, अंबेडकर चाैक के समीप, सिडिकेट, गोलंबर पर रखा गया प्याऊ पूरी तरह से सूखा पड़ा हुआ है. एक तरफ जब प्याऊ की शुरूआत किया था तो लोगों द्धारा इस कार्य को लेकर सराहना की गई थी. लेकिन अब यह प्याऊ जरूतरमंदों को मुंह चिढ़ा रहा है. गर्मी से निजात दिलाने तथा लोगों की प्यास बुझाने को लेकर नगर परिषद की प्याऊ का यह योजना फेल साबित हो रहा है, जिसमें नगर परिषद से नियमित स्वच्छ पानी मटका में नहीं डाला जा रहा है, जिससे सभी प्याऊ सूख गये हैं.
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