जिला प्रतिरक्षण कार्यालय ने तैयार किया विशेष माइक्रोप्लान, छठ घाटों पर तैनात की जायेगी टीम
पोलियो को लेकर सरकार और राज्य स्वास्थ्य समिति सतर्क है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पर्व त्योहारों के दौरान पोलियो को लेकर विशेष तैयारी की है.
बक्सर.
पोलियो को लेकर सरकार और राज्य स्वास्थ्य समिति सतर्क है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पर्व त्योहारों के दौरान पोलियो को लेकर विशेष तैयारी की है. जिसके तहत दीपावली और छठ महापर्व के अवसर पर दूसरे जिलों, राज्यों व जिलों में नौकरी और मजदूरी करने वाले जिलावासियों को लक्षित करते हुए विशेष अभियान चलाया जायेगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार किया है. जिसमें 30 अक्टूबर से लेकर आठ नवंबर तक विशेष अभियान के तहत पल्स पोलियो अभियान चलाया जायेगा. इसके तहत दीपावली व छठ के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों और प्रदेशों से आने-जाने वाले शून्य से पांच साल तक के सभी बच्चों को पोलियो संक्रमण के खिलाफ जिले के रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड पर पोलियो की खुराक दी जायेगी. पल्स पोलियो अभियान की शत-प्रतिशत सफलता को लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से पोलियो का सेवन सुनिश्चित किया जा रहा है. ताकि पोलियो संक्रमण के खतरे से बच्चों का भविष्य सुरक्षित कराया जा सके.छठ घाटों पर पोलियो अभियान के लिए चिह्नित किए जा रहे हैं स्थान :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआइओ) डॉ विनोद प्रताप सिंह ने बताया, पड़ोसी देशों में पोलियो संक्रमण का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में इसको लेकर विशेष रूप से चौकसी बरती जा रही है. हालांकि एक दिसंबर 2024 को बिहार राज्य ने पोलियो मुक्त होने के 15 वर्ष पूरे कर लिए हैं। लेकिन, पोलियो की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने पोलियो के इस विशेष अभियान के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. वहीं, छठ पर्व के दौरान जिले के घाटों व आसपास पल्स पोलियो अभियान के तहत वैसे चिह्नित स्थान जहां से बच्चे जिला, प्रखंड व संबंधित गांव में प्रवेश करेंगे वैसे स्थानों पर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए दो सदस्यीय ट्रांजिट टीम प्रतिनियुक्त की गई है. साथ ही अलग अलग छठ घाटों के लिए भी दो सदस्यीय ट्रांजिट टीम की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। जहां पर बच्चों को पोलियो की खुराक दी जायेगी.स्टेशन और बस स्टैंड पर तैनात की गई है टीम :
डीआइओ डॉ विनोद प्रताप सिंह ने बताया, पल्स पोलियो अभियान की सफलता को लेकर शहरी क्षेत्र के बस स्टैंड के प्रवेश एवं निकास द्वार के साथ साथ जिला अंतर्गत सभी रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर दो सदस्यीय टीम बहाल की गयी है. जहां पर आने वाले अभिभावकों के साथ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायी जायेगी. पल्स अभियान के दौरान एक भी बच्चा छूटे नहीं इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है. इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों सहित टीम के अन्य कर्मियों को निर्देशित किया गया है. उन्होंने बताया कि पोलियो का वायरस आपके शरीर में प्रवेश करने के बाद तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को प्रभावित कर सकता है. खासकर पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को यह बीमारी होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है. पोलियो का कोई इलाज नहीं है, मगर पोलियो का टीका बच्चे का इस बीमारी से बचाव कर सकता हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है