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तापमान पहुंचा 42 डिग्री, दोपहर में सड़कों पर छायी वीरानगी

एक बार फिर जिले का तापमान 42 डिग्री पहुंच गया. गुरुवार को अचानक तापमान में सुबह से ही वृद्धि हो गया. जिस कारण दिन के 12 बजते ही सड़कों पर सन्नाटा छा गया

बक्सर. एक बार फिर जिले का तापमान 42 डिग्री पहुंच गया. गुरुवार को अचानक तापमान में सुबह से ही वृद्धि हो गया. जिस कारण दिन के 12 बजते ही सड़कों पर सन्नाटा छा गया. घर से जरूरी कामों से निकले लोग अपना मुंह तौलिया या गमछा से ढककर निकलना ही मुनासिब समझे. दोपहर में तो सड़कों पर सूरज की तपिश से आग निकल रहा था. हालांकि चार रोज पहले मौसम में कुछ नमी आया था. मगर दो रोज से मौसम में अचानक परिवर्तन आ गया. लिहाजा तापमान में वृद्धि होने से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है. गर्मी के कारण एक तरफ लोगों की परेशानी बढ़ी है. वहीं गर्मी के कारण बीमारियों में भी इजाफा हो गया है. मौसम में उतार चढ़ाव के कारण ज्यादातर लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो गया है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से संक्रमित होने लगे है. जिसको लेकर सदर अस्पताल में रोगियों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक दुष्यंत कुमार ने कहा कि हीट वेब के मरीजों के लिये सदर अस्पताल में दस बेड की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में हीट स्ट्रोक की सभी दवाएं भी उपलब्ध है. इधरी मौसम में तल्खी के कारण लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. बढ़ते गर्मी को देखते हुए बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतनी आवश्यक है. सदर अस्पताल में ज्यादातर मौसमी बीमारी सर्दी, जुकाम, बुखार एवं चर्म रोग के मरीज पहुंचने लगे है. यह बीमारी मौसम की तल्खी के कारण शुरू हुई है. गर्मी में औसत वृद्धि के कारण सदर अस्पताल में इन दिनों मरीजों की काफी भीड़ जुट रही है. रजिस्ट्रेशन से लेकर दवा वितरण काउंटर पर लंबी लाइनें लग रही है. सदर अस्पताल में अलग से हीट स्ट्रोक वार्ड स्थापित जिले में बढ़ती गर्मी एवं तापमान को देखते हुए जिला प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग तैयारी किया है. जिसके तहत सदर अस्पताल परिसर में हीट स्ट्रोक वार्ड की स्थापना की गयी है. जिससे की हीटवेब के शिकार मरीजों को यथाशीघ्र अलग व्यवस्था के साथ उनका इलाज किया जा सके.जिले में तापमान काफी बढ़ गया है. जिसको लेकर लोगों के हीट वेब से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ गई है. ऐसी स्थिति में हीटवेब पीड़ित लोगों को यथाशीघ्र व्यवस्थित ढंग से इलाज मिल सके. इसको हीट स्ट्रोक वार्ड बनाया गया है. जिससे हीटवेव से पीड़ित लोगों को विशेष व्यवस्था में इलाज दिया जा सके

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