बक्सर. नगर में कचरा निस्तारण एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसके प्रभाव से नगर वासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. नगर परिषद का अपना कोई निस्तारण केंद्र नहीं होने के कारण नगर का कचरा उठाव के साथ ही नगर मे निस्तारित कर दिया जाता है. जिससे नगर परिषद क्षेत्र में बदबू व उससे निकलने वाले दुर्गंध का शिकार नगर के लोग ही होते है. वहीं इस गर्मी के मौसम में नगर परिषद द्धारा निष्तारित कचरे में आग लग जाने के कारण नगर का आबोहवा खराब हो रहा है. जिसके कारण नगर के लोेगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जिसके प्रभाव से होने वाली बीमारियों के प्रति नगर परिषद लापरवाह बना हुआ है. नगर परिषद बक्सर जहां देखा खाली वहीं कर देता है कचरे का निस्तारण के तहत नगर के सोन नहर, मृत नहर, बाईपास रोड, बीएसएनएल भवन के पास सोन कैनाल नहर में विशेष तौर पर किया है. जिसमें इस भीषण गर्मी के बीच आग लगा दी गई है. जिससे निकल रहे जहरीले धुंआ नगर की आबोहवा पुरी तरह से खराब कर रहा है. जिसपर नगर नगर परिषद का कोई ध्यान नहीं है. ज्ञात हो कि नगर परिषद क्षेत्र में प्रतिदिन करीब 30 टन से भी ज्यादा की मात्रा में नगर से कचरे का उठाव होता है. जिसे नगर में ही निस्तारित कर दिया गया है. जिसमें कई जगहों पर आग लगी हुई है. जिससे काफी मात्रा में जहरीली धुंआ निकल रही है. जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नगर वासी प्रभावित हो रहे है. कचरे में आग लगाने से इससे उठ रहे धुएं से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. आधा शहर कचरे के जहरीले धुएं के गिरफ्त में आ रहा है. यह परेशानी लोगों के साथ साथ वाहन चालकों तथा आस-पास से गुजरने वाले को भुगतना पड़ रहा है. सुलगते कचरे का धुआं लोगों को बीमारियों के मुंह में धकेल रहा है. धुंआ के कारण लोगों के साथ दुर्घटना के अंदेशा से इंकार नहीं किया जा सकता है. नगर पालिका को सालों बाद भी कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए शहर से दूर जगह नहीं मिल पाई है. फिलहाल नगर परिषद के लिए जिले के ऐतिहासिक महता वाला किला की सुरक्षा को लेकर चारों तरफ बनाये गये गढे ही डंपिंग जोन बना हुआ है. जिससे इस प्राचीन किले का वास्तविक स्वरूप भी समाप्त हो रहा है. इन जगहों पर लगी है कचरे में आग
प्रतिदिन घरों से निकलता है 30 टन के करीब कचरा
रोजाना घरों और बाजारों से निकल रहे लगभग 30 टन कचरे को किला मैदान के पास गढे में निस्तारित किया जाता है. दिन में कभी कभार नप के कर्मचारी टैंकरों से पानी डालकर चले जाते है. शुक्रवार से ही नगर में निस्तारित विभिन्न जगहों पर कचरा जल रहा है. जिससे निकल रहा धुआं नगर के लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा रहा है.
खराब हो रहा लोगों का स्वास्थ्य सुलगते कचरे से निकलने वाले जहरीले धुएं से नगर के रहने वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ, दमा, खांसी, आंखों में जलन जैसी शिकायत हो रही हैं. वहीं विशेषज्ञ बताते है कि कचरा जलाना वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है. कचरे से उठने वाले धुएं से कार्बनडाइ आक्साइड और कार्बन मोनो आक्साइड जैसी जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है. जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हुए फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है. पिछले कई सालों से लोग कचरे के धुएं से परेशान हो रहे हैं. नगर पालिका द्वारा लोगों को इस परेशानी से निजात नहीं दिलाई जा रही है.स्कूली बच्चे भी धुएं से परेशान
सुलगते डंपिंग केंद्र से 10 गज की दूरी पर दो सरकारी स्कूल भी हैं. जिनमें कक्षा पहली से पांचवी व आठवीं कक्षा के विद्यार्थी पढ़ते है. हवा चलने के दौरान धुआं स्कूलों के कमरों तक भी पहुंचता है. यहां भी बच्चों को सांस लेने की समस्या होती है, लेकिन दूसरा कोई विकल्प नहीं होने के कारण मजबूरन बच्चों को इस खतरे को झेलना पड़ रहा है.
कहते है कार्यपालक पदाधिकारीजिन जगहों पर आग लगी है उसको दिखवा लेते है. उसको पानी डालकर कर्मियों को बुझाने के लिए कहा जा रहा है. अमित कुमार कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर.