बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दो दोषियों को मरते दम तक कारावास की सजा
राजपुर थाना के जमौली गांव में साढ़े चार साल पहले लगभग 11 वर्ष की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो के स्पेशल कोर्ट ने दो दोषियों को मरते दम तक कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनायी है
बक्सर. राजपुर थाना के जमौली गांव में साढ़े चार साल पहले लगभग 11 वर्ष की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो के स्पेशल कोर्ट ने दो दोषियों को मरते दम तक कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. दोनों अभियुक्तों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया गया है. दोनों अभियुक्त घटना के बाद से ही जेल में बंद हैं. शनिवार को फैसला सुनाने के लिए उन्हें न्यायालय में पेश किया गया था. वहीं, इस मामले में तीसरा अभियुक्त फरार चल रहा है. बताया जा रहा है कि बक्सर शहर की रहने वाली बच्ची मार्च 2020 में अपनी नानी के घर राजपुर थाना के जमौली गांव गयी हुई थी. 17 मार्च को वह जब सुबह शौच से लौट रही थी कि तीन अभियुक्तों सोनू यादव, पप्पू यादव और अप्पू यादव ने उसे पकड़ लिया तथा मुंह दबाकर सतिवाड़ा के पीछे सुनसान जगह पर ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. जब देर तक बच्ची घर नहीं आयी, तो परिजन उसे खोजने के लिए खेत की तरफ गये, जहां वह बेहोशी की हालत में मिली. पीड़िता के शरीर पर कई गंभीर जख्म के निशान भी थे. साथ ही उसके प्राइवेट पार्ट्स में भी गंभीर चोट था. पॉक्सो कांड संख्या 9/2020 के इस मामले का ट्रायल विशेष न्यायालय में किया गया. इस बीच पुलिस ने एक अभियुक्त अप्पू यादव का नाम डायरी से हटा दिया था, लेकिन कोर्ट ने उसके नाम को भी शामिल कर सुनवाई की. हालांकि, अप्पू यादव के अब तक फरार होने से उसके मामले में फैसला नहीं हुआ है. मामले में कुल नौ लोगों की गवाही करायी गयी. चिकित्सक ने अपनी गवाही में पीड़िता के शरीर पर गंभीर जख्म होने की बात बतायी थी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि दोनों युवकों का पहला अपराध है और उनका संपूर्ण जीवन बर्बाद न हो, इसलिए कम सजा दी जाये. वहीं, विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने दलील दी कि अभियुक्तों ने पीड़िता के साथ हिंसक जंगली जानवर की तरह कृत्य किया है, ऐसे में उन्हें कठोर दंड देना चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश श्रीमन कामेश्वर प्रसाद चौबे ने अभियुक्त सोनू यादव व पप्पू यादव को भारतीय दंड विधान की धारा 376/34 व पॉक्सो एक्ट के तहत मरते दम तक कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
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