बक्सर/ब्रह्मपुर.
प्रखंड के रघुनाथपुर स्थित बिस्कोमान में यूरिया खाद के लिए किसान द्वारा मारपीट करने सहित पचास हजार रुपये छिनैती का आरोप लगाने के साथ ही बिस्कोमान प्रबंधक पंकज मिश्रा द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी से सुरक्षा की मांग करते हुए दंडाधिकारी के उपस्थिति में उर्वरक वितरण कराने की गुहार लगायी है. जिला कृषि पदाधिकारी को दिए आवेदन में कहा गया है पहले फोन पर यूरिया खाद की मांग की गयी जब खाद देने से इंकार किया गया तो गोदाम पर आकर मारपीट करने के साथ पचास हजार रुपए लेकर फरार हो गया. फिलहाल मामले को गंभीरता से देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव को दंडाधिकारी उपलब्ध कराने के लिए पत्रचार किया गया है. इधर तीन दिनों से बिस्कोमान पर उर्वरक रहने के बाद भी वितरण बंद हैं.पहले भी खाद के लिए चर्चा में रहा है, रघुनाथपुर बिस्कोमान
: कभी गोदाम में चोरी तो कभी एक्सपायरी नैनों यूरिया के बिक्री करने के लिए चर्चा में रहा हैं. जिसका जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जांच में भी खुलासा हुआ था. इसके पहले भी रघुनाथपुर बिस्कोमान प्रबंधक द्वारा किसानों पर इस तरह के आरोप लगाये जा चुके हैं. मनमानी वितरण के कारण अनेक किसानों को खाद नहीं मिल पाता है . गेहूं के फसल के पटवन के बाद यूरिया खाद की मांग काफी बढ़ गयी है. बाजार में मनमानी कीमत पर यूरिया बेची जा रही है. ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर में बिस्कोमान का खाद बिक्री केंद्र है. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में किसान खाद लेने के लिए वहां जाते हैं.लेकिन प्रबंधक द्वारा मनमानी वितरण करने के कारण ही खाद का किल्लत हो जाता है. खाद के लिए केंद्र पर अक्सर हंगामा होता है. किसानों का कहना है कि किसी को 10 से 20 बोरा खाद दे दिया जाता है. किसी किसान को 1 से 2 बोरा भी नहीं मिलता है. खाद के लिए किसान सुबह से आकर लाइन में खड़े होते हैं पर अंत में निराशा ही हाथ लगती है. केंद्र पर खाद लेने के लिए बगेन, भदवर, कैथी, कांट, भरखर, ब्रह्मपुर आदि गांव से किसान पहुंचें थें. रघुनाथपुर बिस्कोमान मारपीट होने के कारण बंद हैं.यूरिया खाद न मिलने से प्रखंड के किसान यूरिया खाद के लिए काफी परेशान देखे जा रहे हैं. बिस्कोमान में यूरिया खाद होने के बाद भी वितरण न हो पाना निजी खाद दुकानदारों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं हैं. निजी दुकानदारों द्वारा जमकर किसानों का शोषण किया जा रहा है. किसानों को 420 से 450 रुपए के कीमत पर यूरिया खाद को खरीदना उनके लिए मजबूरी बन गयी है. यह दुकानदार इसी इंतजार में थे कि कब बिस्कोमान के गोदाम से यूरिया का स्टॉक खत्म हो और कमाई की जा सके. निजी दुकानदारों द्वारा जमकर किसानों का शोषण किया जा रहा है. किसानों को 420 से 450 रुपए के कीमत पर यूरिया खाद को खरीदना उनके लिए मजबूरी बन गयी है. यह दुकानदार इसी इंतजार में थे कि कब बिस्कोमान के गोदाम से यूरिया का स्टॉक खत्म हो और कमाई की जा सके.इसके लिए व्याप्त इन दुकानदारों द्वारा अपने कई कई ठिकानों पर यूरिया खाद को गुप्त रूप रखा गया है . लेकिन इस बार भले ही स्टाक खत्म नहीं हुआ लेकिन बिस्कोमान के प्रबंधक से मारपीट के कारण यूरिया खाद उपलब्ध रहने के वावजूद भी वितरण बंद हैं तो दूसरी ओर निजी दुकानदारों ने कालाबजारी के रास्ते खोल दिए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है