हिसाब से करें कीटनाशक का प्रयोग

आत्मा के बैनर तले संयुक्त कृषि भवन,बक्सर के सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2024 9:52 PM

बक्सर. आत्मा के बैनर तले संयुक्त कृषि भवन,बक्सर के सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी-सह-परियोजना निदेशक,आत्मा अविनाश शंकर, वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ देवकरण, पौधा संरक्षण विशेषज्ञ रामकेवल व आत्मा के उपनिदेशक बेबी कुमारी संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी-सह-आत्मा के परियोजना निदेशक अविनाश शंकर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आपका हर दिन सूरज की पहली किरण के साथ शुरु होता है.आपके चेहरे पर मुस्कान बिखरने हेतु मैं सतत प्रयासरत रहूंगा. इस वार्तालाप का मुख्य उदेश्य एक मंच के माध्यम से किसान एवं वैज्ञानिक के बीच संवाद कराना है, ताकि संवाद के दौरान खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली फसलों में हो रहे समस्याओं का समाधान किया जा सके.कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब सभी योजनाओं का कार्यान्वयन ऑनलाइन मोड में कर दिया गया है.इसका लाभ लेने हेतु कृषि विभाग के वेबसाईट www.dbtagriculture.gov.in पर जानकारी हासिल कर सकते हैं.योजनाओं से संबंधित अधिक जानकारी हेतु अपने सम्बंधित पंचायत के कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, बीटीएम,एटीएम से संपर्क कर सकते हैं. इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान किसानों ने खरीफ मौसम सम्बंधित समस्याओं से वैज्ञानिकों को अवगत कराया.कृषि विज्ञान केन्द्र,बक्सर के वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ. देवकरण ने बताया कि फसलों का ससमय प्रबंधन न होने से उत्पादन प्रभावित होता है.इस हेतु समयानुसार फसल प्रबंधन बेहद जरुरी है.उन्होंने 16 पोषक तत्वों के महत्व पर चर्चा की, जिसमें अधिकतर कृषक चार पोषक तत्वों नाइट्रोजन, फाॅस्फोरस, पोटाश तथा जिंक के व्यवहार से अवगत हैं, शेष पोषक तत्वों के महत्व को जानने की आवश्यक्ता है ताकि उसकी ससमय भरपाई की जा सके। उन्होंने फसलों में रोग की पहचान कर कृषि वैज्ञानिक या प्रशिक्षित डीलर के सलाह से अनुशंसित मात्रा में कीटनाशक दवा प्रयोग करने की सलाह दी.केवीकेे के पौधा संरक्षण विशेषज्ञ रामकेवल ने बताया कि फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्व अत्यधिक पैदावार के कारक हैं.धान की फसलों में खैरा रोग से ग्रसित होने पर जिंक का प्रयोग फायदेमंद है वही आवश्यक्तानुसार मृदा जाॅंच कराकर सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति करना जरुरी होता है ताकि पैदावार में आशातीत बढ़ोतरी हो.आत्मा के रघुकुल तिलक, चन्दन कुमार सिंह, विकास कुमार राय ,अजय कुमार सिंह,द्वारा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शेखर कुमार व शेखर किशोर, सहायक निदेशक,उद्यान किरण भारती, आत्माकर्मी सत्येन्द्र राम, दीपक कुमार, त्रिपुरारी शरण सिन्हा , किसान निरंजन सिंह, शिवजी पाण्डेय, महेश पाण्डेय, सोनी देवी, ईंदु देवी, आशा देवी, सुनिता देवी, कमलेश यादव, श्रीभगवान यादव, रामाधार सिंह, मारकण्डेय सिंह, विमल कुमार सिंह,शामिल रहे.

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