तापमान बढ़ने से सब्जी की खेती हुई प्रभावित
प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में इस बार झुलसा देने वाली गर्मी से सब्जी का फसल काफी प्रभावित हो गया है. सब्जी की खेती करने वाले किसानों की समस्या बढ़ गयी है
राजपुर. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में इस बार झुलसा देने वाली गर्मी से सब्जी का फसल काफी प्रभावित हो गया है. सब्जी की खेती करने वाले किसानों की समस्या बढ़ गयी है. अधिकतर सब्जी के पौधा सुखकर बर्बाद हो गया हैं. पश्चिमी क्षेत्र में पेयजल की समस्या उत्पन्न होने की गंभीर संभावना बढ़ गयी है. अधिकतर गांव में दर्जनों चापाकल बंद हो गए हैं. पिछले तीन दिनों से एक बार फिर तापमान 40-43 डिग्री तक रहा. तेज धूप व लू चलने से जनजीवन भी काफी बेहाल रहा. तेजी से खिसक रहा वाटर लेबल सामान्य तौर पर राजपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में 60 से 70 फुट तक भूमिगत जल स्तर बना रहता है. बरसात के दिनों में यह 10 से 12 फुट तक पहुंच जाता है. वाटर लेवल बने रहने से सभी के घरों का चापाकल आसानी से चलता है. पशु एवं आमजन के लिए पानी की समस्या नहीं रहती है. तेजी से बढ़ रही गर्मी से विभिन्न गांव में भूमिगत जलसर तेजी से खिसक रहा है. इसका जलस्तर 75 से 80 फुट तक हो गया है.विभिन्न गांव में लगे सादा चापाकल पानी देना बंद कर दिया है. अधिकतर गांव में सरकार के स्तर से लगाए गए चापाकल जिसका बोरवेल 150 से 300 फुट तक है. उसी चापाकल से लोग पानी ले रहे हैं. जिस गांव में यह चापाकल खराब है. उसको बनाने के लिए चलंत टीम का गठन किया गया है. सूचना मिलते ही यह टीम गांव में पहुंचकर चापाकल का मरम्मत कर रही है. अब तक क्षेत्र के राजपुर, तियरा, खरहना, देवढिया के अलावा अन्य गांव में चापाकल का मरम्मत कर दिया गया है. फिर भी लगातार बढ़ते गर्मी से प्रतिदिन किसी न किसी गांव का चापाकल जवाब दे रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने अधिकारियों को भी अलर्ट किया है. प्रतिदिन विभिन्न पंचायतों का वाटर लेवल की जानकारी लेकर रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें. सब्जी की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई करने में परेशानी हो रही है. 20 फुट नीचे गहरे कुआं में पंपसेट अथवा समरसेबल के माध्यम से सिंचाई किया जा रहा है. वह भी बहुत ही कम मात्रा में पानी निकल रहा है. जिन खेतों की सिंचाई एक घंटा में होता था. उसकी सिंचाई दो से ढाई घंटे में हो रही है. सप्ताह में तीन दिन सिंचाई करनी पड़ रही है. तेज लू एवं बढ़ती गर्मी के प्रभाव से डीजल पंप सेट चलाकर सिंचाई करना महंगा पड़ रहा है.क्षेत्र के प्रगतिशील ग्रामीण किसान अंकित सिंह ,हासिम अंसारी, वकील यादव , वंशनारायण साह , संजय सिंह के अलावा अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ऐसी भीषण गर्मी एवं लू नहीं हो रही थी. सुबह नौ बजते ही शरीर झुलसने लगता है .दस बजे के बाद घर से बाहर निकलना मुश्किल है. सब्जी की सिंचाई दो दिन में ही करना पड़ रहा है. सब्जी के पौधों में लगे अधिकतर फुल पछुआ हवा से सुख कर गिर रहे हैं. ऐसे में भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए पानी का बचत करना होगा.
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