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फसल अवशेष के प्रबंधन के लिए सजगता की जरूरत : जिलाधिकारी

सोमवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा बक्सर के बैनर तले नगर भवन में एक दिवसीय जिला स्तरीय रबी महाभियान का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 11, 2024 10:05 PM

बक्सर.

सोमवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा बक्सर के बैनर तले नगर भवन में एक दिवसीय जिला स्तरीय रबी महाभियान का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन जिला अधिकारी अंशुल अग्रवाल उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल, प्रशिक्षु आईएएस प्रतीक्षा सिंह, अपर समाहर्ता कुमारी अनुपमा सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. आत्मा बक्सर द्वारा प्रकाशित रबी फसल की उत्पादन तकनीकी पुस्तिका का विमोचन जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने की. इस मौके पर डीएम ने बताया कि बिहार राज्य में 11 प्रतिशत पराली बक्सर जिले में जलाई जा रही है. जिसके मद्देनजर पराली प्रबंधन पर गंभीरता से नियंत्रण करने की आवश्यकता है. कृषि विभाग के प्रसार कर्मी पराली जलाने से होने वाले नुकसान को किसानों के बीच जानकारी साझा करें. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के अंतर्गत कृषि विभाग की सभी योजनाओं में पारदर्शी तरीके से अनुदान वितरित किया जा रहा है. जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पराली जलाने में संलिप्त कृषकों पर कार्रवाई कर कृषि विभाग द्वारा संचालित किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा. उप विकास आयुक्त बक्सर ने कहा कि खेती में आधुनिक तकनीक को जोड़कर उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है. इस दिशा में सभी प्रसार कर्मी किसानों के बीच तकनीक को हस्तांतरण करें. अपर समाहर्ता बक्सर ने कहा कि हमारा देश कृषकों का देश है. किसान कृषि को जीविकोपार्जन का साधन बनाकर उत्पादकता को बढ़ाए तो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है. प्रशिक्षु आईएएस प्रतीक्षा सिंह ने बताया कि इस जिले की जलवायु रबी फसल हेतु अनुकूल है. अनुमंडल, प्रखंड, पंचायत स्तर के सभी कर्मी किसानों के बीच आधुनिक फसल तकनीक को हस्तांतरित करे ताकि उत्पादकता में वृद्धि हो सकें. मुख्यालय से नामित नोडल पदाधिकारी उप निदेशक, बीज मनोज कुमार द्वारा बीज वितरण पर जानकारी प्रदान की गयी. जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि इस वर्ष रबी फसल हेतु एक लाख पंद्रह हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है. इस निमित सभी प्रसार कर्मी बीज वितरण के पश्चात किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान करते हुए लक्ष्य को हासिल कर अधिक से अधिक उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाए. उन्होंने सभी प्रसार कर्मी को हिदायत दी कि फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दे. किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने पर संबंधित कर्मी पर कार्रवाई की जायेगी. वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर डॉ देवकरण द्वारा रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसलों पर जानकारी प्रदान की गयी. उन्होंने कहा कि फसल के उत्पादकता हासिल करने हेतु तकनीकी हस्तांतरण मुख्य कारक है. कार्यक्रम में प्लांट ब्रीडिंग विशेषज्ञ हरगोविंद जायसवाल, सहायक निदेशक (प्रक्षेत्र) शेखर किशोर, सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) आशीष कुमार, सहायक, निदेशक (पौधा संरक्षण) बेबी कुमारी सहित संबंधित विभागीय पदाधिकारी द्वारा तकनीकी जानकारी दी. रघुकुल तिलक, चंदन कुमार सिंह, विकास कुमार राय, दीपक कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी बक्सर, मत्स्य विकास पदाधिकारी बक्सर, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी डुमरांव, सभी प्रखंड कृषि अधिकारी, कृषि समन्वयक, बीटीएम, एटीएम, किसान सलाहकार इत्यादि शामिल थे.

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