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बक्सर संसदीय क्षेत्र से अब तक सबसे अधिक ब्राह्मण प्रत्याशियों पर मतदाताओं ने जताया है भरोसा

महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कर्मभूमि, आजादी के बाद कभी शाहाबाद उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाने जाने वाला बक्सर लोकसभा क्षेत्र के मतदाता चुप्पी साधे हुए अपने काम में मशगूल है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2024 10:28 PM

सिमरी

. महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कर्मभूमि, आजादी के बाद कभी शाहाबाद उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाने जाने वाला बक्सर लोकसभा क्षेत्र के मतदाता चुप्पी साधे हुए अपने काम में मशगूल है. प्रथम लोक सभा चुनाव सन 1952 में उस वक्त शाहाबाद उत्तर पश्चिम संसदीय क्षेत्र (अब बक्सर संसदीय क्षेत्र ) से डुमरांव रियासत के महाराज कमल सिंह ने निर्दलीय चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. पुनः1957 में बक्सर लोकसभा के अस्तित्व में आने के बाद दूसरी बार कमल सिंह ने जीत हासिल कर सांसद चुने गये. 2009 में नये परिसीमन के आधार पर बक्सर लोकसभा क्षेत्र नये स्वरूप में आया. जिसमें भोजपुर (आरा) जिले के शाहपुर एवं जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र कट गया एवं रोहतास जिले के दिनारा व कैमूर जिले के रामगढ विधानसभा बक्सर लोकसभा क्षेत्र में जुड जाने के बाद जातीय समीकरण में कुछ आंशिक उलट फेर हुए. नये परिसीमन के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी जगदानंद सिंह ने भाजपा कोटे से लगातार चार बार जीत हासिल करने वाले लालमुनी चौबे को लगभग 2200 वोट के मामूली अंतर से शिकस्त देकर राजद ने अपना परचम लहराया था. किस जाति के प्रत्याशी कितने बार जीते : बक्सर लोकसभा क्षेत्र से ब्राह्मण जाति के प्रत्याशी सर्वाधिक 11 बार जीत दर्ज किये हैं, तो चार बार राजपूत जाति के प्रत्याशी पर मतदाताओं ने भरोसा जताया है. वहीं दो बार यादव जाति के प्रत्याशी को भी मतदाताओं ने सांसद चुन कर लोकसभा भेजा है.

जातीय स्थिति :

बक्सर लोकसभा क्षेत्र ब्राह्मण बहुल क्षेत्र माना जाता है. बक्सर संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख छह हजार चार मतदाता हैं. जिनमें 95385 पुरुष मतदाता तो 852125 महिला मतदाता हैं. वहीं 26 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं. बक्सर संसदीय क्षेत्र में ब्राह्मण 3.75 लाख हैं, तो यादव मतदाता लगभग 3.40 लाख हैं. वहीं राजपूत जाति के 2.90 लाख के करीब मतदाता है. भूमिहार जाति की भी अच्छी खासी आबादी है. भूमिहार मतदाता 2.20 लाख के करीब हैं. मुसलमान मतदाता की आबादी करीब 1.30 लाख है. इसके अतिरिक्त कुर्मी, वैश्य, दलित, कुशवाहा सहित अन्य जातियों की भी अच्छी खासी आबादी है. अतिपिछड़ी जाति की संख्या चुनाव परिणाम में उलटफेर कर देने में अहम भूमिका निभा सकती है.

2019 का चुनाव परिणाम :

2019 के लोकसभा चुनाव में ब्रह्मपुर विधानसभा में बीजेपी के पक्ष में 87384 मत पड़े थे, तो राजद के पक्ष में 70729 मत पड़े तो वहीं बक्सर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 81480 तो राजद को 54452 मत मिले थे. डुमरांव विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी को 84445 मत मिले थे तो राजद को 61879 मत मिले थे. राजपुर सुरक्षित विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी को 76787 तो राजद की झोली में 59617 मत आयी थी. रामगढ विधान सभा क्षेत्र में बीजेपी को 61569 वोट मिले थे तो राजद को 57009 वोट मिले थे. वहीं दिनारा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 77625 वोट मिले थे तो राजद को 49941 मत हासिल हुआ था. बक्सर संसदीय क्षेत्र से 2019 के चुनाव में भाजपा के अश्विनी कुमार चौबे ने कुल मत का 47.8 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, तो राजद कोटे से जगदानंद सिंह को 36.1 प्रतिशत वोट मिले थे. अश्विनी कुमार चौबे ने बक्सर संसदीय क्षेत्र से दो बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट से वंचित कर दिया है.

कब कौन जीते

1952 व 1957 महाराज कमल सिंह निर्दलीय1962 एपी शर्मा कांग्रेस1967 रामसुभग सिंह, कांग्रेस1971 एपी शर्मा, कांग्रेस1977 रामानंद तिवारी, जनता पार्टी1980 प्रो केके तिवारी, कांग्रेस1984 प्रो केके तिवारी, कांग्रेस1989 तेजनरायण सिंह, सीपीआइ

1991 तेजनरायण सिंह, सीपीआइ

1996 लालमुनी चौबे, भाजपा1998 लालमुनी चौबे, भाजपा1999 लालमुनी चौबे, भाजपा2004 लालमुनी चौबे, भाजपा2009 जगदानन्द सिंह, राजद2014 अश्विनी कुमार चौबे, भाजपा2019 अश्विनी कुमार चौबे, भाजपा

कब है मतदान :

सातवें व अंतिम चरण में बक्सर में मतदान होने हैं. जिसको लेकर सात मई से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ होकर 14 मई तक चलेगी एवं 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी. 17 मई को नामांकन वापस लिया जा सकता है. एक जून को मतदान होंगे. उसके बाद 4 जून को मतगणना की जायेगी. कितनी बार जीत दर्ज की कौन पार्टी : बक्सर संसदीय क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ माना जाता था, लेकिन बदलते परिवेश में कांग्रेस के आधार वोटर भाजपा में शिफ्ट हो गये. 1984 के बाद यानी विगत चालीस वर्ष से कांग्रेस बक्सर लोकसभा से संसदीय चुनाव नही जीत पायी है. बक्सर संसदीय क्षेत्र से सर्वाधिक छह बार भाजपा जीत हासिल की है तो पांच बार कांग्रेस जीत दर्ज की है. वहीं सीपीआइ दो बार जीत हासिल की है, तो एक बार जनता पार्टी एवं एक बार राजद जीत हासिल की है. वहीं स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में दो बार महाराज कमल सिंह जीत हासिल किये.

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